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    महिला की IGMC अस्पताल में मौत पर बवाल, बेटा बोला- मुख्यमंत्री कार्रवाई करें नहीं तो कर लूंगा आत्महत्या

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 01:01 PM (IST)

    Death In Hospitals Himachal शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में नेरचौक से रेफर की गई एक महिला मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बेटे का आरोप है कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने और समय पर इलाज न होने के कारण उसकी मां की मौत हुई।

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    आइजीएमसी शिमला में महिला मरीज की मौत पर स्वजन ने लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

    जागरण संवाददाता, शिमल। Death In Hospitals Himachal, इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में शुक्रवार सुबह नेरचौक से रेफर महिला मरीज की मौत हो गई। स्वजन ने आरोप लगाया कि महिला की मौत अस्पताल में आपातकालीन में तैनात डाक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही से हुई है। महिला के बेटे लीलाधर ने आरोप लगाया कि वह मां के इलाज के लिए डाक्टरों को बुलाते रहे, लेकिन कोई भी डाक्टर नहीं आया। इससे मां की मौत हो गई। जब आक्सीजन मांगी तो खाली सिलिंडर दे दिया। आक्सीजन न मिलना भी मौत का कारण बना।

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    मां की मौत के बाद अस्पताल में स्ट्रेचर तक की व्यवस्था नहीं दी जा रही थी। जब शव को लाना था तब भी महिला कर्मचारियों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया।  उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान उनके साथ अस्पताल में हाथापाई तक की कोशिश की गई।

    अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) के पास शिकायत करने गए, लेकिन वह अस्पताल में नहीं थे। महिला मंडी जिले के आपदा क्षेत्र से संबंध रखने वाली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों ने उनके आधारकार्ड व उनके भाई के पैसे भी वापस नहीं दिए।

    बेटा बोला, मुख्यमंत्री कार्रवाई करें नहीं तो कर लूंगा आत्महत्या 

    आइजीएमसी में मां की मौत के बाद मंडी निवासी लीलाधर ने मुख्यमंत्री से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, यदि मुख्यमंत्री कड़ी कार्रवाई नहीं करते हैं तो मैं आत्महत्या तक का कदम उठा लूंगा। आरोप लगाया कि आइजीएमसी में व्यवस्था बहुत खराब है।

    हृदयाघात और ब्लड कैंसर मौत की वजह : एमएस

    आइजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. राहुल राव ने बताया कि शुक्रवार सुबह 5:33 बजे सेवदासी को अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया। मेडिकल कालेज नेरचौक से इन्हें यहां रेफर किया था। उनके लिवर और स्पलीन में सोजिश थी। उन्हें ब्लड कैंसर था। मरीज को हार्ट की भी समस्या थी। उन्हें नेरचौक मेडिकल कालेज में हृदयाघात का शुरुआती उपचार देकर आइजीएमसी रेफर किया था। आइजीएमसी में पहुंचते ही उन्हें तुरंत देखा और उपयुक्त उपचार आरंभ किया। मरीज की हालत लगातार बिगड़ रही थी। जांच रिपोर्ट के मुताबिक यह हृदयाघात का मामला बना। इसके पश्चात मरीज को सीसीयू  में शिफ्ट किया था। सीसीयू में सुबह 07:51 बजे मरीज की मृत्यु हो गई।

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