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    Himachal Weather: भारी बारिश से बेहाल हिमाचल के लिए दो दिन और खतरा, तो क्या शिक्षण संस्थानों में फिर होगी छुट्टियां?

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 12:30 PM (IST)

    Himachal Pradesh Weather Alert हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर बने हुए हैं। अभी भी 1001 सड़कें बंद हैं और 1992 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली आपूर्ति बाधित है। मौसम विभाग ने 8 और 9 सितंबर को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मानसून सीजन में प्रदेश को अब तक 3979 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

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    मंडी में मनाली हाईवे पर गिरी चट्टान और कुल्लू में भूस्खलन की चपेट में आए वाहन। जागरण

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Weather Alert, हिमाचल प्रदेश में लगातार वर्षा और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। दो दिन मौसम ने कुछ राहत दी, लेकिन फिर भी आफत कम नहीं हुई है। अभी भी प्रदेश में 1001 सड़कें बंद हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-03, एनएच-505 और एनएच-305) शामिल हैं। कुल्लू में 225, मंडी में 205, शिमला में 212 और चम्बा में 166 सड़कें बंद हैं। 

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    1992 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली आपूर्ति  प्रभावित है, कई गांव अंधेरे में हैं। वहीं 472 पेयजल योजनाएं बाधित हैं। सिरमौर, सोलन और ऊना जिले भी सड़क बंद होने से प्रभावित हैं।

    दो दिन भारी बारिश का अलर्ट

    मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी किए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार शनिवार और रविवार को प्रदेश में कुछ एक स्थानों पर हल्की वर्षा, जबकि अधिकतर स्थानों पर धूप और बादलों के छाए रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 8 और 9 सितंबर को प्रदेश के अधिकतर स्थानों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है।

    स्कूलों में सात सितंबर तक हैं छुट्टियां

    भारी बारिश के कारण प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में सात सितंबर तक अवकाश की घोषणा की गई है। आठ सितंबर से शिक्षण संस्थान खुलेंगे, लेकिन अब मौसम की नई चेतावनी ने असमंजस बढ़ा दिया है। यदि मौसम के तेवर कड़े रहे तो प्रशासन शिक्षण संस्थानों में छुट्टी देने पर फैसला ले सकता है। भारी बारिश के कारण शिक्षण संस्थान भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

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    3979 करोड़ रुपये का नुकसान

    20 जून से पांच सितंबर तक मानसून सीजन में प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश में अभी तक 3,979 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है। भूस्खलन, बाढ़, बादल फटने और डूबने की घटनाएं मौत के मुख्य कारण रहे हैं। केवल भूस्खलन से 37 लोगों की जान गई है। 

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