Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal News: विमल नेगी मौत मामले में आरोपित अधिकारी को सरकार ने दी एक और जिम्मेदारी, भाजपा बोली, भ्रष्टाचारियों को रिवार्ड

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 02:11 PM (IST)

    Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने पूह से काजा तक 66 केवी ट्रांसमिशन लाइन के टेंडर को रद्द कर दिया है। विमल नेगी मौत मामले में आरोपित देसराज को इस प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। नए टेंडर के लिए गठित कमेटी में देसराज निदेशक वित्त के सहायक होंगे। भाजपा ने सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

    Hero Image
    हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के अधिकारी विमल नेगी का फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड प्रबंधन ने पूह से काजा तक बनाए जाने वाले 66 केवी ट्रांसमिशन लाइन के टेंडर को रद कर दिया है। इसका दोबारा से टेंडर होगा। नए सिरे से टेंडर करने के लिए कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी का चेयरमैन राज्य बिजली बोर्ड के निदेशक वित्त को बनाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें निदेशक वित्त के सहायक के तौर पर विमल नेगी मौत मामले में आरोपित, राज्य ऊर्जा निगम के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में राज्य बिजली बोर्ड में मुख्य अभियंता देसराज को शामिल किया है, जोकि कमेटी के चेयरमैन का सहयोग करेंगे।

    सरकार ने पहले नहीं सौंपा था बोर्ड में काम

    ऊर्जा निगम में इनकी सेवाएं पिछले दिनों खत्म कर मूल विभाग में भेजने का निर्णय लिया है। इसके बाद इन्हें अभी तक बोर्ड में काम नहीं सौंपा था। बोर्ड प्रबंधन के निर्णय के बाद अब देसराज राज्य बिजली बोर्ड में 66 केवी के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को बनाने में अहम भूमिका अदा करेंगे। इस कमेटी में निदेशक तकनीकी, निदेशक आपरेशन, मुख्य अभियंता शिमला जोन, मुख्य अभियंता प्लानिंग, मुख्य अभियंता खरीद, मुख्य अकाउंट्स अधिकारी, एसई हमीरपुर सहित अन्य सदस्यों को शामिल किया है। यह भी निर्णय लिया है कि इसके लिए टेंडर चीफ इंजीनियर (एमएम) की ओर से लगाए जाएंगे। वर्तमान में चल रही टेंडर की प्रक्रिया को चीफ इंजीनियर (ईएस) की ओर से रद कर दिया जाएगा। 

    दोबारा से टेंडर डाक्यूमेंट तैयार करने का निर्णय

    राज्य बिजली बोर्ड में इसको लेकर बैठक बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता की अध्यक्षता में हुई थी। इस बैठक में राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, निदेशक अनुराग चंद्र शर्मा, डायरेक्टर आपरेशन मनोज उप्रेती और डायरेक्टर तकनीकी एमजी शर्मा मौजूद थे। इसमें निर्णय लिया कि अभी तक टेंडर के लिए आवेदन आ रहे हैं। उसमें सबसे कम आवेदन यानी एलवन भी वर्तमान में तय की गई एनआइटी से लगभग दोगुना है। इतनी कम कीमत पर इस लाइन को कंपनियों को लाने में सफलता नहीं मिल पा रही है। इसलिए दोबारा से इस लाइन के लिए टेंडर डाक्यूमेंट तैयार किया जाएगा

    कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचारियों को मिलता है रिवार्ड : त्रिलोक  

    उधर, भाजपा ने इस नियुक्ति पर प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कहा है कि प्रदेश सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि विमल नेगी मौत मामले में सीबीआइ की जांच के दायरे में आने वाले देसराज को 600 करोड़ के प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण भूमिका देनी पड़ी। कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचारियों को रिवार्ड मिलता है। उन्होंने यहां जारी बयान में आरोप लगाया कि प्रदेश में केवल भ्रष्टाचारियों एवं भ्रष्टाचार को संरक्षण और बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को संरक्षण मिल रहा है। विमल नेगी मामले में सरकार और सरकार के उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे। जिन आरोपितों पर गंभीर आरोप लगे, उनको सरकार में महत्वपूर्ण पद एवं विभाग दिए गए। जिन अफसरों ने अच्छी जांच की, उनसे सभी विभाग छीन लिए गए। त्रिलोक कपूर ने कहा कि सरकार की नीयत में पहले दिन से ही खोट था। जांच में क्या-क्या हुआ यह सभी ने देखा। डीजीपी और एसपी एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे।