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    शिमला में 126 करोड़ रुपये के सात भवन फांक रहे धूल, नहीं चली कक्षाएं, CM सुक्खू ने दिए अब ये निर्देश

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:31 PM (IST)

    तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा 126.45 करोड़ रुपये से निर्मित सात भवन 2018 से 2023 तक उपयोग में नहीं आए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर चिंता जताई और जनहित में भवनों का उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी धन की बर्बादी अस्वीकार्य है और गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है। सरकार नवाचार को बढ़ावा दे रही है और घुमारवीं में डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की योजना है।

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    सीएम सुक्खू (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। तकनीकी शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 से 2023 के बीच सात भवनों का निर्माण किया, जिन पर 126.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ये भवन तैयार हैं, लेकिन इनका उपयोग नहीं हो रहा है।

    न तो इनमें कक्षाएं संचालित हो रही हैं और न ही किसी अन्य कार्य के लिए उपयोग किया जा रहा है। शिमला में मंगलवार को तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह मुद्दा उठाया गया।

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खाली भवनों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और विभाग को निर्देश दिया कि जनहित में इन भवनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

    उन्होंने कहा कि केवल निर्माण के नाम पर सरकारी धन की बर्बादी अस्वीकार्य है। राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है और सरकार वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी धन की बर्बादी को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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    उन्होंने कहा कि राज्य में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। बाजार की मांग के अनुरूप विद्यार्थियों को कुशल बनाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल में नवाचार को बढ़ावा दे रही है।

    उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए ‘राज्य नवाचार और स्टार्टअप नीति-2025’ तैयार की जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री ने तकनीकी शिक्षा विभाग को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पालिटेक्निक कालेजों को छात्रों के नामांकन, समग्र प्रदर्शन और इन संस्थानों में उपलब्ध अन्य सुविधाओं के आधार पर ग्रेड प्रदान करने के निर्देश दिए।

    उन्होंने बिलासपुर जिला के बंदला स्थित हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज में 30 छात्रों के प्रवेश के साथ एमटेक (ईवी-टेक) पाठ्यक्रम शुरू करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक अतुल, विशेष सचिव तकनीकी शिक्षा सुनील शर्मा, निदेशक तकनीकी शिक्षा अक्षय सूद और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    बिलासपुर में बनेगी डिजिटल यूनिवर्सिटी राज्य सरकार घुमारवीं में डिजिटल यूनिवर्सिटी आफ इनोवेशन, एंटरप्रन्योरशिप, स्किल एंड वोकेशनल स्टडीज स्थापित करने पर विचार कर रही है, जिसके लिए 258 बीघा भूमि चिह्नित की गई है।

    प्रदेश कौशल विकास निगम और हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड के कार्यों की भी समीक्षा की गई और उनकी कार्य प्रणाली में सुधार लाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

    ये भवन पड़े हैं रिक्त

    एडीबी प्रोजेक्ट के तहत आरएलएम (रूरल लाइवलीहुड मिशन) और सीएलएम (सिटी लाइवलीहुड मिशन) के अंतर्गत इन भवनों का निर्माण किया गया है। ये भवन काजा, उदयपुर, जुब्बल, नालागढ़, बंगाणा, चौपाल और वाकनाघाट में स्थित हैं। इनका निर्माण व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए किया गया था, लेकिन इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। कई भवन खाली पड़े हैं, जबकि कुछ भवनों को तकनीकी शिक्षा विभाग ने संबंधित एजेंसी के सुपुर्द कर दिया है।