हिमाचल की शिक्षा नीति में बदलाव! को-एजुकेशन को बढ़ावा देगी सरकार, कोएड में मर्ज होंगे सभी सरकारी विद्यालय
हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा में सुधार के लिए एक नया कदम उठाने जा रही है। अब राज्य के लड़कों और लड़कियों के स्कूलों को मिलाकर सहशिक्षा स्कूल बनाए जाएंगे ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, शिमला। शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में आगे बढ़ रही हिमाचल सरकार अब छात्र व छात्राओं (बॉयज एवं गर्ल्स) स्कूलों को मर्ज कर सह शिक्षा वाला बनाया जाएगा। मई महीने से इसकी शुरूआत होगी। शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया को दो चरणों में पूरा करेगा।
पहले चरण में कक्षा-11वीं व 12वीं का समयोजन कर सह शिक्षा वाला बनाया जाएगा। यानी यदि किसी एक ही स्थान पर अलग-अलग स्कूल हैं उसे भी मर्ज कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग स्कूल है, उसे भी मर्ज किया जाएगा।
इससे पहले स्कूलों के युक्तिकरण की शुरूआत भी उन्होंने अपने विस क्षेत्र से ही की थी। इसको लेकर विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो गई है। विभाग का तर्क है कि स्कूल मर्ज होने से छात्रों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और तीनों संकाय के पूरे शिक्षक भी वहां उपलब्ध होंगे।
फिलहाल कैबिनेट की मुहर लगना बाकी
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। अब सिर्फ कैबिनेट की मुहर लगना बाकी है। दूसरे चरण में कक्षा 6 से 10वीं तक छात्र व छात्राओं के स्कूलों को भी मर्ज कर दिया जाएगा। इसके लिए जन प्रतिनिधि, विधायक व क्षेत्र के अन्य लोगों से भी सुझाव मांगे जाएंगे।
विभाग का तर्क है कि 200 से 500 मीटर की दूरी पर ये स्कूल हैं। इनमें विद्यार्थियों की संख्या काफी कम है। विभाग ने छात्र व छात्राओं के स्कूल को मर्ज करने के लिए कक्षा 6 से 10 तक विद्यार्थियों की संख्या 500 तय की गई है। यदि इससे कम संख्या होती है तो दोनों स्कूलों को मर्ज कर एक ही रखा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसको लेकर विभाग को निर्देश दिए थे।
उप निदेशकों से मांगा दाखिले का रिकॉर्ड
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के उप शिक्षा निदेशकों से स्कूलों में दाखिले का रिकॉर्ड मंगवाया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया हाल ही में बंद हुई है। इसलिए अभी तक के दाखिले का पूरा रिकॉर्ड लाने को कहा गया है।
5 व 6 मई को शिक्षा निदेशालय में होने वाली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों को पत्र जारी कर नए सिरे से डाटा मांगा है। प्राइमरी, मिडल, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को लेकर अलग-अलग फॉर्मेट पर जानकारी मांगी गई है। स्कूलों में सृजित पदों से लेकर नजदीक के स्कूलों की दूरी, इन स्कूलों के लिए भौगोलिक दिक्कते क्या हैं, यह सूचना भी उप निदेशकों को देनी होगी।

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