हिमाचल में खनन रॉयल्टी वसूली के लिए नया नियम, सरकार खत्म करेगी फार्म का झंझट
हिमाचल प्रदेश सरकार डब्ल्यू और एक्स फार्म के झंझट को खत्म करने की तैयारी में है। अब ठेकेदारों के बिलों के आधार पर खनन सामग्री की रॉयल्टी काटी जाएगी। इस नई व्यवस्था से सरकार को राजस्व बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि ठेकेदार फार्म की आड़ में चोरी नहीं कर पाएंगे। वर्तमान में सरकार ने 355 करोड़ रुपये की रॉयल्टी का लक्ष्य रखा है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। राज्य सरकार डब्ल्यू व एक्स फार्म का झंझट समाप्त करने की तैयारी में है। निकट भविष्य में ठेकेदारों की बिलिंग के आधार पर खनन सामग्री की रायल्टी काटी जाएगी। यह व्यवस्था उद्योग विभाग के खनन विंग में शुरू होगी। ऐसा करने से ठेकेदारों को डब्ल्यू व एक्स फार्म लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
डब्ल्यू फार्म नदी-नालों और क्रशर के खनिज पदार्थ से संबंधित होता है। हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उद्योग विभाग के खनन विंग के भू-विज्ञानियों सहित लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
ऐसा मत है कि बिल के आधार पर रायल्टी लिए जाने की नई व्यवस्था से प्रदेश सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा। नई व्यवस्था में ठेकेदार फार्म की आड़ में चोरी नहीं कर पाएंगे। इस वित्त वर्ष में सरकार ने 355 करोड़ की रायल्टी एकत्र करने का लक्ष्य रखा है। दो साल पहले खनन गतिविधियों से राज्य को 230 करोड़ रायल्टी प्राप्त हो रही थी।
ठेकेदार कुल बिलिंग पर रायल्टी भुगतान करेगा
लोक निर्माण विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों जल शक्ति, हिमुडा, शहरी विकास, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग में निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों के लिए डब्ल्यू व एक्स फार्म की अनिवार्यता है।
डब्ल्यू व एक्स फार्म की व्यवस्था
प्रदेश में ठेकेदारों के लिए डब्ल्यू व एक्स फार्म की व्यवस्था उद्योग विभाग स्थापित होने से लेकर शुरू है। डब्ल्यू फार्म प्रदेश के नदी, नालों व खड्डों से रेत, बजरी, पत्थर निकालने के लिए प्रयुक्त होता है। जबकि एक्स फार्म क्रशर से उत्पादित होने वाले निर्माण सामग्री के लिए।
दोनों तरह के फार्मों का उपयोग ठेकेदार व कंपनियों के लिए अनिवार्य किया गया है। बिना फार्म के ठेकेदार निर्माण सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जा सकते हैं।
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