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    Himachal Pradesh: शिमला में जन्मे तरलोक सिंह चौहान होंगे झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 11:35 AM (IST)

    Jharkhand High Court Chief Justice वरिष्ठ न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के बाद अधिसूचना जारी की। शिमला में जन्मे तरलोक सिंह चौहान दो बार प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक न्यायाधीश भी रहे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में कोर्ट मित्र के रूप में सहयोग किया।

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    झारखंड हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश तरलोक सिंह चौहान

    विधि संवाददाता, शिमला। Jharkhand High Court Chief Justice, हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान अब झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे। सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। तरलोक सिंह चौहान दो बार प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक न्यायाधीश रह चुके हैं। नौ जनवरी 1964 को शिमला जिला के रोहड़ू में जन्मे तरलोक सिंह चौहान की प्रारंभिक शिक्षा बिशप काटन स्कूल शिमला से पूरी हुई।

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    डीएवी कालेज चंडीगढ़ से आनर्स के साथ स्नातक व पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने व लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाई कोर्ट में वकालत शुरू की।

    कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए

    हाइडल प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सालिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाई कोर्ट की ओर से कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए।

    न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे

    23 फरवरी 2014 को हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के बाद 30 नवंबर 2014 को स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। ये 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल ला यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे।

    अधीनस्थ न्यायालयों में कंप्यूटरीकरण ने नई ऊंचाइयों को बढ़ाया

    हाई कोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख के कारण हाई कोर्ट के साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कंप्यूटरीकरण ने नई ऊंचाइयों को बढ़ाया। अब इन मामलों की जानकारी प्राप्त करने के अलावा अधिवक्ता/वादकर्ता विभिन्न अन्य सेवाओं तक भी पहुंच बना सकते हैं।