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    हिमाचल में भवनों का स्ट्रक्चरल ऑडिट अनिवार्य होगा, अब सरकार उठाएगी सख्त कदम

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 08:52 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भवनों की सुरक्षा के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जिनमें होमगार्ड और एसडीआरएफ का एकीकरण शामिल है। सरकार ने जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट नियुक्त करने और सेब की खरीद मूल्य को भी मंजूरी दी है।

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    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सचिवालय में मंगलवार को आयोजित मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता करते हुए।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। सरकार ने प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे क्षेत्रों में भवनों की सुरक्षा के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट करने का निर्णय लिया है, ताकि किसी का जीवन संकट में न पड़े। इसके लिए आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास संबंधी मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी प्रदान की।

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    राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में उप-समिति का गठन राज्य की आपदा तैयारी और पुनर्वास तंत्र को सुदृढ़ बनाने के उपायों की जांच और सुझाव देने के लिए किया गया था। उप-समिति ने राज्य भर में भवनों के संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट करवाने की सिफारिश की है ताकि उनकी आपदा सहनशीलता का आकलन किया जा सके।

    प्रदेश सरकार की ओर से सुरक्षा ऑडिट को सख्ती से लागू करने निर्णय लिया गया। आडिट के आधार पर, आपदाओं के दृष्टिगत संरचनात्मक क्षति के जोखिम को कम करने के लिए रेट्रोफिटिंग उपाय किए जाएंगे। आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी अधोसंरचना के महत्व पर बल देते हुए, समिति ने प्रदेश में भूकंप-रोधी निर्माण कार्यों को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है।

    लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडलीय बैठक में आपदा प्रतिक्रिया की दक्षता बढ़ाने के लिए, उप-समिति ने होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाओं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के आपदा प्रबंधन सेल के साथ एकीकृत करने का भी सुझाव दिया है, जिसका उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों के दौरान समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है। आपदा के मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार के प्रत्येक मंत्री ने सुझाव दिए।

    बैठक में ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को बादल फटने व बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे मंडी शहर में राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए मंडी जाने के निर्देश दिए।

    इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभिन्न शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के युक्तिकरण को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल बैठक के बाद मीडिया को लिए गए निर्णयों जानकारी देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, राजेश धर्माणाी व यादवेंद्र गोमा प्रश्नों का उत्तर भी दिया।

    1386 जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट नियुक्त करने का निर्णय लिया

    31 दिसंबर 2024 तक 12 वर्ष या उससे अधिक की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके 1,386 पात्र जल रक्षकों (वाटर गार्ड्स) को जल शक्ति विभाग में पंप अटेंडेंट के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।

    सेब का खरीद मूल्य नहीं बढ़ाया

    प्रदेश मंत्रिमंडल ने वर्ष 2025 के लिए मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के अंतर्गत 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सेब की खरीद को मंजूरी प्रदान की है। इसके अतिरिक्त योजना के अंतर्गत बी और सी ग्रेड के किन्नू, माल्टा और संतरे को 12 रुपये प्रति किलोग्राम, गलगल 10 रुपये प्रति किलोग्राम और सीडलिंग, कलमी और कच्चा अचारी आम 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का भी निर्णय लिया गया है।

    325 पेड़ दूसरे स्थान पर लगाए जाएंगे

    कांगड़ा जिला के देहरा स्थित बनखंडी में दुर्गेश-अरण्य प्राणी उद्यान के विकास के प्रथम चरण के अंतर्गत 325 वृक्षों के स्थानांतरण (ट्रांसलोकेशन) को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के देहरा में एक नया क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) खोलने और इसके सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पद सृजित कर भरने का निर्णय लिया।

    कीमोथेरेपी के लिए 18 डे केयर के लिए आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे

    प्रदेश के जिला अस्पतालों और चयनित आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में कीमोथेरेपी के लिए 18 डे केयर सेंटरों को उपकरणों से लैस और स्तरोन्नयन करने की मंजूरी प्रदान की गई। इस पहल का उद्देश्य कैंसर रोगियों को उनके जिला में ही सुलभ उपचार प्रदान करना है, जिससे उन्हें उपचार के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों या राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी, इससे मरीजों और उनके परिवारों के समय और धन दोनों की बचत होगी।

    जिला अस्पतालों सहित सिविल अस्पतालों में उपकरणों की खरीद को हरी झंडी

    मंत्रिमंडल ने कुल्लू जिला के नागरिक अस्पताल तेगुबेहड़ में 50 बिस्तरों की क्षमता केे क्रिटिकल केयर ब्लाक और एक जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना कर महत्त्वपूर्ण मशीनों से लैस करने को भी मंजूरी दी।

    इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने सिविल अस्पताल मनाली, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, सिविल अस्पताल पांवटा, सिविल अस्पताल देहरा, क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ और डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में क्रिटिकल केयर ब्लाकों के लिए चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति को मंजूरी दी।

    क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, सिविल अस्पताल पांवटा, सिविल अस्पताल देहरा और सिविल अस्पताल नगरोटा बगवां में जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के लिए उपकरण आपूर्ति को भी मंजूरी दी गई।

    चार नए मिल्क प्लांट खुलेंगे

    मंत्रिमंडल ने नाहन, नालागढ़, मौहल और रोहड़ू में नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के साथ-साथ हमीरपुर जिले के जलाड़ी में एक नया मिल्क चिलिंग सेंटर और ऊना जिले के झलेरा में एक बल्क मिल्क कूलर स्थापित करने को भी मंजूरी दी।

    दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ में उद्यम संसाधन नियोजन (ईआरपी) आफ्टवेयर प्रणाली लागू करने का भी निर्णय लिया गया। इससे संघ के संचालन का डिजिटलीकरण होगा और किसानों को मोबाइल फोन के माध्यम से सभी आवश्यक जानकारियां आसानी से उपलब्ध होगी।