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    आपदा में भी प्रशासन की घोर बेपरवाही, किन्नौर में पुल बहने के 13 दिन बाद भी शुरू नहीं हुआ काम

    किन्नौर के लंबर गांव में बाढ़ से पुल बह गया जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। सड़क बंद होने से राशन आपूर्ति और दैनिक कार्य बाधित हैं। मटर की फसल खतरे में है और किसान सड़क बहाली की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने पीडब्ल्यूडी पर पुल निर्माण में देरी का आरोप लगाया है। प्रशासन ने शीघ्र कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है।

    By narveda kaundal Edited By: Anku Chahar Updated: Thu, 28 Aug 2025 10:23 PM (IST)
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    13 दिन बीतने पर भी पुल का कार्य शुरू न करने पर ग्रामीणों में रोष (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, रिकांगपिओ\शिमला।  जिला किन्नौर के लंबर गांव में 14 अगस्त की रात आई बाढ़ ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

    शाकचांग खड्ड में आई बाढ़ से पुल पूरी तरह बह गया है, जबकि कुन्नू-चारंग संपर्क मार्ग गहरी खाई में तब्दील हो चुका है।

    मटर सीजन अपने चरम पर होने के कारण किसान सड़क मार्ग बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि जल्द रास्ता नहीं खुला तो सालभर की मेहनत और फसल बर्बाद हो जाएगी।

    ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घटना को 13 दिन बीत जाने के बाद भी पुल निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से बहाली का कार्य शुरू नहीं किया गया है।

    फिलहाल आवाजाही के लिए अस्थायी रूप से रज्जू मार्ग बनाया गया है, लेकिन ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नाला पार करना पड़ रहा है।

    सर्दी दस्तक दे रही है और खाद्य विभाग की ओर से मिलने वाली चार महीने की राशन आपूर्ति भी सड़क बंद होने से बाधित हो गई है। वहीं ग्रामीणों की अन्य रोजमर्रा की कार्य भी पूरी तरह से ठप पड़े है।

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    सड़क बंद होने से सामरिक दृष्टि से भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। सेना और आईटीबीपी के वाहनों सहित रोजमर्रा के सामान की सप्लाई पर रोक लग गई है।

    उप प्रधान सुशील सागर व 2020 के उप प्रधान उम्मीदवार रवि नेगी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मार्ग बहाली का कार्य तुरंत शुरू किया जाए, ताकि किसानों, ग्रामीणों और सुरक्षा बलों की समस्याओं का समाधान हो सके।

    अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रविंद्र ठाकुर ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जो भी संभव हो शीघ्र पुल निर्माण कार्य शुरू करें।