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    हिमाचल में ED का सख्त एक्शन, 1.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां की कुर्क; स्कॉलरशिप के नाम पर होती थी धोखाधड़ी

    Updated: Thu, 13 Mar 2025 02:51 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (enforcement directorate ) ने हिमाचल प्रदेश में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में लगभग 1.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है। इनमें पंजाब के मोहाली में स्थित 500 वर्ग गज भूमि और मैसर्स आइटीएफटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमन शर्मा के नाम पर पंजीकृत भूमि पर निर्माण शामिल है। कई संस्थानों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्कॉरशिप की राशि हड़प ली गई।

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    हिमाचल प्रदेश में ईडी ने 1.6 करोड़ की अचल संपत्ति कुर्क की

    जागरण संवाद केंद्र, शिमला। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिमला ने हिमाचल में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लगभग 1.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क किया है।

    इनमें पंजाब के मोहाली में स्थित 500 वर्ग गज भूमि और मैसर्स आइटीएफटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमन शर्मा के नाम पर पंजीकृत भूमि पर निर्माण शामिल है।

    ईडी की जांच के अनुसार अमन और उसके पिता गुलशन शर्मा आइटीएफटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड न्यू चंडीगढ़ में एकमात्र निदेशक थे। उन्होंने हिमाचल के एससी/एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम (पीएमएसएस) के तहत छात्रवृत्ति के लिए दावा किया था।

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    ईडी ने हिमाचल के उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला द्वारा छात्रवृत्ति के वितरण में अनियमितता के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो शिमला द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर जांच आरंभ की थी। पता चला कि इन संस्थानों ने उन छात्रों के विवरणों का सत्यापन कर धोखाधड़ी से राशि प्राप्त की थी, जो इन संस्थानों में किसी भी पाठ्यक्रम में नामांकित नहीं थे या जो अपनी पढ़ाई पूरी किए बिना ही संस्थान छोड़ चुके थे।

    धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति निधि की अधिक राशि प्राप्त करने के लिए छात्रों के गलत विवरण एचपी-ई पास पोर्टल पर अपलोड किए थे। छात्रों की जाति श्रेणी में बदलाव कर उन्हें डे स्कॉलर के बजाय छात्रावास में रहने वाला दिखाया गया।

    दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए फर्जी पाठ्यक्रम शुल्क संरचना का दावा किया गया। अपराध में शामिल विभिन्न व्यक्तियों द्वारा इस प्रकार प्राप्त अपराध की आय का उपयोग उनके और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर चल और अचल संपत्तियां हासिल करने के लिए किया गया।

    ईडी ने दबिश देकर नकदी जब्त की

    ईडी ने दबिश देकर आपत्तिजनक सामग्री और 80 लाख की नकदी जब्त की थी। बैंक खातों में पड़े 2.80 करोड़ रुपये जब्त किए थे। 29 करोड़ की चल और अचल संपत्तियों की कुर्की के लिए पहले अस्थायी तौर पर कुर्की आदेश जारी किए गए थे। मामले में चल और अचल संपत्तियों की कुल कुर्की अब 30.5 करोड़ रुपये हो गई है।

    गुलशन शर्मा को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का आरोपित मानते हुए 30 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में है।

    फर्जी दस्तावेज के आधार पर हड़पी राशि

    वर्ष 2013 से 2017 तक प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तौर पर विद्यार्थियों को 266.32 करोड़ रुपये दिए गए। इनमें गड़बड़ी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में हुई है। आरोप है कि कई संस्थानों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर छात्रवृत्ति की मोटी राशि हड़प ली।

    जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कई साल तक छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई। थाना छोटा शिमला में 16 नवंबर, 2018 को शिक्षा विभाग की शिकायत पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी, फिर मामला सीबीआई को दे दिया गया।

    सीबीआई ने 7 मई, 2019 को एफआइआर दर्ज की। मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई के लिए मामला ईडी को भेजा गया। यह मामला केंद्र सरकार की ओर एससी, एसटी, ओबीसी श्रेणियों के विद्यार्थियों की मदद के लिए आरंभ की गई व राज्य सरकार के माध्यम से कार्यान्वित छात्रवृत्ति/फीस प्रतिपूर्ति योजना के दुरुपयोग से संबंधित है।