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Shimla News: हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या में दर्ज की गई मामूली कमी

हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्‍या में मामूली कमी दर्ज की गई। रोजगार कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार लोगों की संख्या पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कमी के बावजूद अभी भी काफी अधिक 8.73 लाख है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Sun, 19 Mar 2023 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2023 11:51 AM (IST)
Shimla News: हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या में दर्ज की गई मामूली कमी
हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या में दर्ज की गई मामूली कमी

शिमला, पीटीआई: रोजगार कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार लोगों की संख्या पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कमी के बावजूद अभी भी काफी अधिक 8.73 लाख है। दिसंबर 2022 में राज्य के सभी रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत ऐसे लोगों की संख्या दिसंबर 2021 में 8.73 लाख की तुलना में 8.21 लाख थी।

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पिछले वर्ष के 1.68 लाख की तुलना में चालू वित्त वर्ष के दौरान दिसंबर 2022 तक 1.41 लाख लोगों ने रोजगार कार्यालयों में अपना पंजीकरण कराया। 1,66,325 पंजीकृत बेरोजगारों के साथ कांगड़ा जिला सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद मंडी 1,61,085, शिमला 71,316, ऊना 64,384, चंबा 62,436 और हमीरपुर 61,989 हैं, जबकि आदिवासी जिले लाहौल, स्पीति, किन्नौर 5,226 और 8,300 बेरोजगारों के साथ सबसे नीचे हैं।

सरकार ने कई कौशल विकास कार्यक्रम किए शुरू

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 31 मार्च, 2021 तक 4,75,156 नियोजित व्यक्तियों में से 2,79,365 व्यक्ति 4,417 प्रतिष्ठानों में सरकारी क्षेत्र में कार्यरत थे। जबकि 1,824 प्रतिष्ठानों में 1,95,791 लोग निजी क्षेत्र में कार्यरत थे। जैसा कि सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी के अवसर कम हो रहे हैं और निजी क्षेत्र केवल कुशल और अत्यधिक कुशल श्रमिकों को काम पर रखने के इच्छुक हैं, सरकार ने कई कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए हैं। तकनीकी संस्थानों में उभरते ट्रेडों को पेश किया है और श्रमिकों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को अद्यतन किया है।

अब तक 57,781 लोगों को किया गया नामांकित

हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने इस दिशा में कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसके विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत अब तक 57,781 लोगों को नामांकित किया गया है। इनमें से 31,770 को प्रमाणित किया जा चुका है। एचपी कौशल विकास कार्यक्रम 2018 में 827 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। जिसमें से 661 करोड़ रुपये एशियाई विकास बैंक द्वारा योगदान दिया गया था।

इस साल 90,000 नौकरियां पैदा करने का रखा लक्ष्य

सरकार प्रत्येक इच्छुक को कौशल विकास पाठ्यक्रम के लिए 1,000 रुपये प्रति माह और 50 प्रतिशत से अधिक स्थायी विकलांगता वाले लोगों को 1,500 रुपये का भत्ता भी दे रही है। शुक्रवार को 2023-24 का बजट पेश करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया को बताया कि सरकार ने इस साल सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में 90,000 नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा है।


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