Himachal Weather: मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिले में भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट, शिक्षण संस्थान बंद
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण शिमला और सिरमौर में घर गिरने से पांच लोगों की दुखद मौत हो गई। मंडी कांगड़ा और सिरमौर में रेड अलर्ट जारी किया गया है जिससे शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। कालका-शिमला रेल मार्ग पर रेलगाड़ियां रद्द कर दी गयी है। प्रदेश में सामान्य से 68% अधिक वर्षा दर्ज की गई है जिससे कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।

जागरण टीम, शिमला। प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा से नुकसान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को शिमला व सिरमौर जिले में घर व दीवार गिरने से पिता और पुत्री सहित पांच लोगों की मौत हो गई। शिमला जिले के जुन्गा में घर पर मलबा गिरने से पिता-पुत्री, कोटखाई में घर गिरने से बुजुर्ग और जुब्बल के बाऊली में घर की दीवार गिरने से युवती की मौत हो गई।
रेड अलर्ट के बीच आज भी 9 जिलों और कुल्लू के 2 उपमंडलों में बंद रहेंगे शिक्षण संस्थान
मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिले में वर्षा का रेड अलर्ट सिरमौर, बिलासपुर, सोलन और शिमला जिलों में सोमवार को सबसे अधिक वर्षा हुई। मौसम विभाग ने दो सितंबर को मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिले में भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट, जबकि अन्य में आरेंज अलर्ट जारी किया है।
चार राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 1277 सड़कें बाधित हैं। लेडी आफ केलंग व रोहतांग दर्रे सहित शिंकुला, बारालाचा, कुंजम, चंद्रताल की चोटियों समेत जंस्कार व समदो में हिमपात हुआ है।
कालका-शिमला रेल ट्रैक पर पांच तक रेलगाड़ियां स्थगित कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर हो रहे भूस्खलन से पांच सितंबर तक सभी रेलगाड़ियां स्थगित कर दी हैं। वहीं नई दिल्ली से ऊना जिले के अंब-अंदौरा के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस करीब 50 मिनट देरी से ऊना पहुंची। गांधीनगर कैपिटल से दौलतपुर चौक एक्सप्रेस एक घंटा 20 मिनट की देरी से ऊना पहुंची। हरिद्वार-अंब-अंदौरा पैसेंजर और रायपुर हरियाणा जंक्शन-अंब अंदौरा पैसेंजर भी देरी से पहुंचीं।
एचपीयू व कई जिलों में शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए शिमला, सिरमौर, कांगड़ा, मंडी, चंबा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर व सोलन जिले में दो सितंबर को सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। वहीं कुल्लू जिले के आनी व निरमंड उपमंडल में भी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी रहेगी। शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी अवकाश की घोषणा की गई है।
76 वर्ष में दूसरी बार हुई ज्यादा वर्षा, सामान्य से 68 प्रतिशत अधिक
प्रदेश में अगस्त में 76 वर्ष में दूसरी बार भारी वर्षा हुई है। प्रदेश में औसतन 431.3 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि सामान्य 256.8 मिलीमीटर रहती है। इस बार अगस्त में सामान्य से 68 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। 1901 से अब तक नौवीं सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। 1949 के बाद पहली बार अगस्त में इतनी अधिक वर्षा दर्ज हुई है। अगस्त में अब तक का सबसे अधिक वर्षा का रिकार्ड वर्ष 1927 में 542.4 मिलीमीटर वर्षा का रहा है। सभी जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है।
नेरवा के मधाणा में मकान गिरने से तीन लोग दब गए। दंपती को लोगों ने निकाल लिया, जबकि बेटा दबा है। श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र की नौहराधार तहसील के चौरास गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से मकान व पशुशाला गिरने से महिला की मौत हो गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रदेश में 24 घंटे से हो रही भारी वर्षा के कारण हुई जनहानि पर शोक जताया है।
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर संतोषी माता मंदिर स्वारघाट के समीप कार भूस्खलन से आए मलबे से अनियंत्रित होकर खाई में लुढ़कने से चालक घायल हो गया। सोलन के कुमारहट्टी के उदयपुर में दोमंजिला भवन गिरने से दंपती घायल हो गया। इसमें तीन बच्चों सहित महिला सुरक्षित बच गई। डलहौजी में चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से स्कूटी सवार व्यक्ति गंभीर घायल हो गया।
पांवटा साहिब के भुरेश्वर महादेव मंदिर के समीप रविवार देर रात बादल फटने से कई खड्डों व नालों का जलस्तर बढ़ गया। कुल्लू के बागन में भू-धंसाव से 23 लोग बेघर हो गए हैं। सुजानपुर उपमंडल के चबूतरा गांव में जमींदोज हुए छह मकानों के बाद 15 और घरों पर भी खतरा मंडरा गया है। निरमंड उपमंडल की पंचायत चायल के रिछुबनाए में भूस्खलन से 800 से अधिक सेब के पौधे व सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि नष्ट हो गई।
किन्नौर जिले के निगुलसरी में शिमला-रिकांगपिओ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) तीसरे दिन भी बहाल नहीं हुआ। चंडीगढ़-शिमला फोरलेन पर सलोगड़ा में भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही एक ही लेन से हुई। लेह से मनाली की ओर आ रहे 100 से अधिक ट्रक चालक वशिष्ठ चौक व समाहन के पास सड़क बहाल न होने से बांहग में फंस गए हैं। द्रंग क्षेत्र में रविवार आधी रात उरला के पास पहाड़ी से पानी, गाद और मलबा पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने से निगम की पालमपुर से शिमला जा रही बस फंस गई। बस में 24 सवारियां थीं। देर रात एसडीएम, पुलिस व दमकल कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर सभी को रेस्क्यू किया।
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पंडोह से औट के बीच मलबा व पत्थर गिरने से बंद रहा। इससे 1000 से अधिक मालवाहक वाहन फंसे हैं। तीन जगह हुए भूस्खलन से हमीरपुर-ऊना एक्सप्रेस हाईवे सात घंटे तक बाधित रहा। वर्षा से ऊना में कई जगह जलभराव हुआ। कुटलैहड़ व गगरेट विधानसभा क्षेत्रों में मकान व पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं।
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