हिमाचल में आफत की बारिश! भूस्खलन और बाढ़ ने मचाई तबाही; तीन की मौत
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। मंडी में करंट लगने से एक कर्मचारी की जान चली गई जबकि सराज में एक बुजुर्ग गिरने से मर गए। बिलासपुर में एक वृद्धा खड्ड में बह गई। रामपुर में बादल फटने से एक मकान रसोईघर और पशुशाला बह गए जिसमें कई भेड़-बकरियां भी शामिल थीं।

जागरण टीम, शिमला/रामपुर बुशहर। भारी वर्षा और भूस्खलन की चेतावनी के बीच सोमवार को प्रदेश में विभिन्न कारणों से तीन लोगों की मौत हो गई। एचआरटीसी मंडी की सौली खड्ड स्थित मंडलीय कर्मशाला (वर्कशाप) में करंट से कर्मचारी की मौत हो गई। वाशर बॉय 58 वर्षीय पवन सिंह जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाला थे। वर्कशाप पहुंचने के बाद कपड़े बदलने कमरे की ओर जा रहा था कि बाहर वर्षा का पानी भरा था। लोहे के खंभों से करंट का झटका लगने से गिर गया और मौत हो गई।
वहीं, मंडी जिला में सराज के बागाचुनौगी में एक बुजुर्ग की गिरने से मौत हो गई। बिलासपुर में जुखाला में अली खड्ड में एक 65 वर्षीय वृद्धा लछमी देवी बह गई। उसका शव कुछ दूरी पर मिला। वहीं, रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत के सिक्कासेरी गांव में रविवार देर रात करीब साढ़े तीन बजे बादल फटा। इससे नाले का जलस्तर बढ़ गया।
राजेंद्र कुमार पुत्र पालस राम के मकान का एक कमरा, रसोईघर, एक पशुशाला, एक गाय व दो बछड़ियां नाले में बह गई। राजेंद्र कुमार के दो भाइयों गोपाल व विनोद के सेब के करीब 80 पौधे बह गए। पानी का बहाव पंद्रह-बीस क्षेत्र के गानवी की ओर मुड़ गया। इससे करीब 35 भेड़-बकरियां बह गईं। रूप सिंह की पांच, रामलोक की छह, गोपाल नेगी की पांच, हरी सिंह की छह, देविंद्र सिंह की नौ और प्रकाश वर्मा की चार भेड़ बकरियां बह गईं।
बीते वर्ष भी सरपारा पंचायत के समेज में बादल फटने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। एसडीएम हर्ष अमरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि प्रभावित परिवार को 10 हजार रुपये राहत राशि व तिरपाल दी गई है। उधर, कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर उपमंडल के तहत लंबागांव पंचायत के दसलूं गांव में ब्यास नदी के बहाव में तीन महिलाएं फंस गई। इन्हें प्रशासनिक टीम ने सुरक्षित निकाला। सरकाघाट में डंगा गिरने से महिला घायल हो हुई। जिले में आठ पशुशालाएं और एक घर भी क्षतिग्रस्त हुआ है। एक ही दिन में 4.22 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।
मनाली-कीरतपुर फोरलेन पर थलौट में फ्लाइओवर व झलोगी सुरंग के पास मलबा गिरने के कारण दो घंटे बंद रहा। पठानकोट-मंडी एनएच अलग-अलग जगहों पर मलबा गिरने के कारण तीन घंटे बाधित रहा। पठानकोट-मंडी निर्माणाधीन फोरलेन पर बिजनी में सुरंग के बाहर भूस्खलन से दरारें आ गई हैं। जोगेंद्रनगर के शानन विद्युत प्रोजेक्ट के पैनस्टाक की मरम्मत के बाद विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है। कुल्लू जिले में एनएच 305 पर मंगलौर पुल का डंगा गिर गया है। पुल बड़े वाहनों के लिए बंद है।
हमीरपुर जिला के सुजानपुर में विशाल पेड़ तीन गाड़ियों पर गिरा। संगरोह में बिजली गिरने से पशुशाला में आग लगने से अंदर एक गाय मर गई। प्रदेश में 14 मकानों और 14 पशुशालाओं को नुकसान हुआ है। 259 सड़कें बंद हैं। प्रदेश में जून के दौरान 1901 से लेकर अब तक 21वीं सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। एक सप्ताह के दौरान सामान्य से 280 प्रतिशत तक अधिक वर्षा हुई है। मंडी के बल्ह में टमाटर के खेतों में बाढ़ आने से काफी नुकसान हुआ है।
24 घंटों के दौरान पंडोह में 123, मंडी में 119.4, श्री मुरारी देवी जी में 113.2, पालमपुर में 83, घागस में 65.4, कसौली में 64.4, श्री नयनादेवी जी में 46.6 और कांगड़ा में 40.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को मंडी, सोलन और शिमला में कुछ स्थानों बहुत भारी वर्षा होगी। कांगड़ा, मंडी व सिरमौर में बाढ़ आने की चेतावनी है। गगल स्थित कांगड़ा एयरपोर्ट पर सभी सात विमान सेवाएं नहीं आ सकीं।
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