247 लोगों की मौत, 329 लोग घायल... हिमाचल में बारिश ने मचाया कोहराम, भूस्खलन से 455 सड़कें बंद
शिमला में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश में तबाही मची हुई है। प्रदेश में 458 सड़कें बंद हैं जिनमें तीन नेशनल हाईवे भी शामिल हैं। कुल्लू मंडी और शिमला जिलों में सबसे अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं। बिजली आपूर्ति और जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल में बारिश और भूस्खलन का कहर जारी है। प्रदेश में खराब मौसम के कारण अभी भी 458 सड़कें बंद है। इनमें तीन नेशनल हाईवे भी शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) ने पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण काफी नुकसान पहुंचा है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 455 सड़कें अवरुद्ध हैं। इनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-305, एनएच-05 और एनएच-707) भी शामिल हैं। सड़क अवरोधों के मामले में सबसे ज़्यादा प्रभावित जिला कुल्लू हैं, जहां 73 सड़कें बंद हैं, उसके बाद मंडी में 58 सड़कें हैं, और शिमला में 58 सड़कें हैं।
कुल्लू में, झेड़ (खनाग) में भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-305 अवरुद्ध हो गया है। चंबा और कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी भारी बारिश के कारण कई सड़कें बंद होने की सूचना है।
बिजली भी प्रभावित
प्रदेश में बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। जानकारी के मुताबिक, 681 वितरण ट्रांसफार्मर (डीटीआर) बाधित हुए हैं। कुल्लू और शिमला जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कुल्लू में 145 और शिमला में 63 डीटीआर बाधित हैं। कुल्लू में, अचानक आई बाढ़, खराब लाइनों और गिरे हुए पेड़ों के कारण यातायात प्रभावित हुआ है।
इसके अलावा, राज्य भर में 182 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। मंडी जिला विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित है, जहां 58 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जबकि कांगड़ा और शिमला में 41-41 योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
अब तक 247 लोगों की मौत
इस बीच, राज्य सरकार के राजस्व विभाग-डीएम सेल की संचयी क्षति रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में मानसून के मौसम में 247 लोगों की जान गई है और 329 लोग घायल हुए हैं। 15 अगस्त को जारी यह रिपोर्ट 20 जून, 2025 से 14 अगस्त, 2025 तक की अवधि को कवर करती है।
कुल 247 मौतों में 130 बारिश से संबंधित मौतें और 117 सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतें शामिल हैं। बारिश से संबंधित मौतों में, कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 28 मौतें दर्ज की गईं, उसके बाद मंडी में 26 और हमीरपुर में 13 मौतें हुईं।
इन मौतों के कारण अलग-अलग हैं, जिनमें डूबने से 24, खड़ी चट्टानों या पेड़ों से गिरने से 27 और भूस्खलन से 7 मौतें हुईं। सड़क दुर्घटनाओं में भी जान-माल का काफी नुकसान हुआ है, मंडी जिले में 21, चंबा में 17 और शिमला में 15 मौतें हुई हैं।
(समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)
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