हिमाचल खुद तैयार करेगा प्राकृतिक खेती के लिए बीज, बनेगा देश का पहला राज्य; कृषि विभाग के 12 फार्म में प्रक्रिया शुरू
हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती की दिशा में देश को नई राह दिखाएगा। आगामी रबी सीजन से कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों पर प्राकृतिक तकनीक से तैयार बीज मिलेंग ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश अब प्राकृतिक खेती के खुद बीज तैयार करेगा। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती की दिशा में देश को नई राह दिखाने जा रहा है। आगामी रबी सीजन से किसानों को कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों पर पहली बार प्राकृतिक (नेचुरल) तकनीक से तैयार किए गए बीज उपलब्ध होंगे। इन बीजों को कृषि विभाग स्वयं तैयार करेगा।
इसके साथ ही हिमाचल प्राकृतिक तकनीक से सरकारी स्तर पर बीज तैयार करने वाला देश का पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर हो गया है। इस पहल से न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि रसायन-मुक्त खेती को भी नई मजबूती मिलेगी।
सबसे अधिक समर्थन मूल्य देने वाला राज्य
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के उत्पादों पर देश में सबसे अधिक समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने वाला पहला राज्य है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग तीन लाख किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं और उनके उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें सरकार एमएसपी पर खरीद रही है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक उत्पादों से आटा, दलिया और सत्तू जैसे मूल्यवर्धित उत्पाद तैयार कर आम लोगों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
बीज की उपलब्धता थी सबसे बड़ी चुनौती
कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती में सबसे बड़ी चुनौती बीज की उपलब्धता को लेकर सामने आ रही थी। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने प्राकृतिक तकनीक से बीज उत्पादन का निर्णय लिया है।
12 फार्म पर इस विधि से तैयार होंगे बीज
प्रदेशभर में कृषि विभाग के 35 फार्म हैं, जिनमें से 12 फार्मों में प्राकृतिक खेती की तकनीक से गेहूं का बीज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह बीज गौ मूत्र और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बने घोल के छिड़काव के माध्यम से तैयार किया जाएगा। तैयार बीज को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
विभाग खुद करेगा बीज की आपूर्ति
राज्य सरकार की योजना है कि भविष्य में प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों को बीज की पूरी आपूर्ति कृषि विभाग द्वारा ही की जाए, ताकि किसानों को बाहरी राज्यों या निजी कंपनियों पर निर्भर न रहना पड़े।
सरकार की यह भी योजना
इसके साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों से सरकार बीज के लिए फसल खरीद कर उसे प्रमाणित बीज के रूप में विकसित करे, ताकि न केवल प्रदेश के किसानों को बल्कि अन्य राज्यों के किसानों को भी हिमाचल का प्राकृतिक बीज उपलब्ध कराया जा सके।
यह पहल हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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