हिमाचल सरकार की पंचायतों में गेस्ट हाउस से कमाई की योजना पर 10 प्रतिशत के पास अपना भवन भी नहीं, आखिर क्या है अड़चन?
हिमाचल सरकार की पंचायतों में गेस्ट हाउस से कमाई की योजना में कई अड़चनें हैं। कई पंचायतों के पास अपना भवन नहीं है, जिससे गेस्ट हाउस बनाने के लिए जमीन क ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश की कई पंचायतों के पास अपना भवन भी नहीं है। प्रतीकात्मक फोटो
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। लोगों में सहमति न बनने के कारण छोटे से छोटा काम भी लटक जाता है। प्रदेश की 103 पंचायतों में भी यही हाल है। इन पंचायतों में सहमति न बनने के कारण पंचायतघर बनाने के लिए भूमि का चयन ही नहीं हो सका है।
हिमाचल सरकार की पंचायतों में गेस्ट हाउस से कमाई की योजना है पर करीब 10 प्रतिशत के पास अभी तक अपना भवन भी नहीं है। इस कारण ये पंचायतघर किराये के कमरों में चल रहे हैं। ये पंचायत भवन आपसी विवाद के कारण लटके हैं।
प्रदेश की वर्तमान 3577 पंचायतों में से 340 के पास अपने भवन नहीं हैं और ये किराये के कमरों में चल रहे हैं। इनमें से 237 पंचायतों में 35 लाख रुपये की पहली किस्त के तहत निर्माण कार्य चल रहे हैं। उम्मीद की जा रही है जल्द इन 237 पंचायतों के पास अपने भवन होंगे और ग्रामसभा की बैठक से लेकर अन्य कार्य अपने भवन में हो सकेंगे।
पंचायत भवन के लिए जमीन नहीं तो बाकी काम कैसे होंगे
पंचायत भवन न बनना कई सवाल खड़े करता है। आखिर जब पंचायत भवन के लिए ही जमीन को अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है तो बाकी विकास कार्य किस तरह से हो सकते हैं। पंचायतों के लिए तीन मंजिला भवन का प्रविधान है। इसमें ग्राम सभा की बैठक के लिए हाल के अलावा पंचायत प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था के अलावा ठहरने के लिए व्यवस्था का प्रविधान शामिल है।
42 पंचायतों का हो गया विलय
प्रदेश में नए निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के बनने से पहले प्रदेश में पंचायतों की संख्या 3615 थी। इनमें से 42 पंचायतों का विलय हो गया है, जबकि चार कंटोनमेंट बोर्ड से क्षेत्रों के बाहर होने पर चार पंचायतें बन गईं। ऐसे में पंचायतों की संख्या 3577 हो गई है।
गेस्ट हाउस से पंचायत की कमाई की योजना
पंचायत घरों में गेस्ट हाउस भी बनेगा जो पंचायत की आय बढ़ाने का काम करेगा। पंचायत घर की धरातल मंजिल पर प्रधान, पंचायत सचिव व अन्य पदाधिकारियों के बैठने के लिए कमरों का प्रविधान रहेगा। इसके अलावा पंचायतघर में आने वाले आम लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। पहली मंजिल पर ग्रामसभा हाल और रसोई, जबकि सबसे ऊपर की मंजिल पर गेस्ट हाउस होगा। गेस्ट हाउस को किराये पर ठहरने के लिए दिया जा सकता है।
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वर्तमान में 340 पंचायतों के पास अपने भवन नहीं हैं। 237 पंचायतों में भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। जल्द इन पंचायतों के पास भी अपने पंचायत भवन होंगे।
-अनिरुद्ध सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री।

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