Himachal Panchayat Chunav: पंचायत चुनाव की घोषणा कब होगी, कितना आएगा खर्च? निर्वाचन आयुक्त ने किया स्पष्ट
हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पंचायत चुनाव समय पर होंगे और आयोग इसके लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि चुनाव की घोषणा अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगी और अनुमानित खर्च लगभग 50 करोड़ रुपये आएगा।

हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। प्रतीकात्मक फोटो
खाची बोले, सरकार का सहयोग रहा तो समय पर करवाएंगे चुनाव
निर्वाचन आयोग लोक निर्माण विभाग और राजस्व अधिकारियों से लेगा रिपोर्ट
चुनाव प्रक्रिया के चार चरणों में एक चरण पूरा, दूसरा 13 नवंबर को होगा पूरा
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की प्रक्रिया के चार चरणों में से वार्ड बंदी का कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। अब दूसरे चरण में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 13 नवंबर को निर्धारित है। इस प्रकाशन के बाद ही चुनाव की आधिकारिक घोषणा की जा सकेगी। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने दी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार का सहयोग प्राप्त होता है, तो पंचायत चुनाव समय पर संपन्न कराए जाएंगे।
खाची ने बताया कि लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों से सड़कों और आपदा की स्थिति की रिपोर्ट ली जाएगी। इसके बाद अगले दो चरणों में आरक्षण रोस्टर और जिला तथा सहायक निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी। सभी स्थितियों का मूल्यांकन करने के बाद चुनाव की तिथि तय की जाएगी।
लाहुल स्पीति में अप्रैल में समाप्त होगा कार्यकाल
उन्होंने बताया कि लाहुल स्पीति में अप्रैल में चुने गए जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जबकि अन्य जिलों में यह जनवरी में समाप्त होगा।
अधिकारियों से बैठक के बाद तय होगी तिथि
खाची ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनाव की घोषणा अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ही की जाएगी। निर्वाचन आयोग समय पर चुनाव कराने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है। वर्तमान में मतदाता सूचियों को अपडेट करने का कार्य जारी है। पहली अक्टूबर, 2025 को जो नागरिक 18 वर्ष पूर्ण कर लेंगे, वे मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवा सकेंगे।
प्रदेश में पंचायती राज चुनाव के लिए 56 लाख मतदाता के नाम ड्राफ्ट रोल के आधार पर शामिल हैं, जिनमें नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया चल रही है।
आयोग उपायुक्तों व एसडीएम के माध्यम से करवाता है चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग जिला उपायुक्तों यानी जिला निर्वाचन अधिकारियों, एसडीएम यानी सहायक निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया को पूरा करवाता है। स्कूलों में मतदान केंद्र होते हैं। शिक्षकों, पंचायती राज संस्थाओं के सचिव, पटवारी और अन्यों की सेवाएं ली जाती हैं। पंचायत चुनाव समय पर करवाने के लिए ही स्कूलों में परीक्षाओं को जल्द 15 दिसंबर से पूर्व करवाने का निर्णय लिया गया है।
पंचायत चुनाव करवाने पर करीब 15 से 18 करोड़ रुपये खर्च
पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाने के लिए 15 से 18 करोड़ रुपये का खर्च आता है। जिसमें सबसे अधिक खर्च मतपत्र छापने पर आता है। इसके अतिरिक्त चुनावी ड्यूटी में सेवारत कर्मचारियों को दी जाने वाली राशि है।
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