Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अब नियमों के तहत ही होगा निर्माण, पहली बार बनेंगे मापदंड; नेगी की अध्यक्षता में उपसमिति गठित

    By Anil Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:35 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अब निर्माण कार्य नियमों के अनुसार होंगे। पहली बार मापदंड बनेंगे, जिसके लिए जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक उपसमिति गठित की गई है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों को नियमित करना है, जिससे अनियोजित निर्माण पर रोक लगेगी और विकास सुनिश्चित होगा।

    Hero Image

    हिमाचल प्रदेश में अब नियमों के तहत ही निर्माण होगा। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण अब नियमों के तहत होगा। सरकार इसके लिए नियम बनाने जा रही है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में इसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की गई है। 

    बीते अक्टूबर महीने में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया था। सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) की ओर इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समिति निर्माण नियमों के अधीन लाने को सुझाव देगी

    यह कमेटी ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण को नियमों के अधीन लाने के लिए अपने सुझाव देगी। इस उप समिति में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी शामिल हैं। सचिव ग्रामीण विकास विभाग को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है। 

    नियमों और दिशा निर्देशों की समीक्षा करेगी समिति

    यह समिति ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण से संबंधित नियमों और विकास दिशा निर्देशों की समीक्षा करेगी और अपने सुझाव सरकार को देगी। समिति को एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। 

    नई नीतिगत व्यवस्था तय होगी

    मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों के लिए नई नीतिगत व्यवस्था तय करेगी, जिससे अनियंत्रित निर्माण पर रोक लगाई जा सके और ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित किया जा सके।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल शिक्षा विभाग ने विधानसभा सत्र के चलते 16 बिंदुओं पर मांगी जानकारी, छुट्टियों के साथ अब टूअर भी रोक

    इसलिए लिया निर्णय

    मानसून के दौरान भारी वर्षा ने इस बार भी व्यापक तबाही मचाई। इस साल प्रदेश में 9680 मकानों को नुकसान पहुंचा। इनमें पूरी तरह से धराशायी हुए मकान और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त भवन शामिल हैं। इसी तरह वर्ष 2023 की भीषण प्राकृतिक आपदा में लगभग 14 हजार मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से धराशायी हो गए, जिससे हजारों परिवार बेघर होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए। इस अनुभव से सबक लेते हुए, प्रदेश सरकार अब ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए ठोस मापदंड तय करने जा रही है।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल में आपदा प्रभावितों को अब 8-8 लाख की राहत, 4914 को दिए 81 करोड़, CM बोले, भाजपा विधायकों को भी आना चाहिए था