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    100 रुपये किलो मिलेगा गेहूं का आटा, दलिया 115 रुपये KG; हिमाचल सरकार ने तय कर दिए दाम

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 03:18 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार ग्रामीणों से खरीदे गए प्राकृतिक गेहूं को हिमभोग ब्रांड के तहत बेचेगी। हिमभोग प्राकृतिक गेहूं का आटा 100 रुपये प्रति किलो और दलिया 115 रुपये प्रति किलो में मिलेगा। सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों से 60 रुपये प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा है। यह आटा और दलिया राशन डिपो में उपलब्ध होगा।

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    हिमभोग प्राकृतिक गेंहू आटा 100, दलिया 115 रुपये में देगी सरकार (जागरण फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश सरकार ग्रामीणों से खरीदी प्राकृतिक गेहूं को हिमभोग प्राकृतिक गेंहू आटा 100 रुपये प्रति किलो और हिमभोग प्राकृतिक दलिया 115 रुपये में बेचेगी। इस संबंध में प्राकृतिक गेहूं आटा और दलिया के दामों को तय कर दिया है।

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    कृषि विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये दाम तय किए गए। ये हिमभोग गेहूं का आटा और दलिया को शहरी क्षेत्रों के राशन डिपो में उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रदेश में पहली बार सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत प्राकृतिक तौर पर उगाई गई गेंहू की खरीद की है।

    वर्तमान वित्त वर्ष में प्राकृतिक खेत कर रहे किसानों में से 838 किसानों से 60 रुपये प्रतिकिलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2123 क्विटंल गेहूं की खरीद कर उनके बैंक खातों में 1.31 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।

    गेहूं के परिवहन के लिए 4.15 लाख रुपये परिवहन उपदान भी सम्मिलित है। हिम भोग प्राकृतिक मक्की आटा के बाद अब गेंहू और दलिया सरकार बेच रही है। इस प्रकार की पहल से किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिलेंगे।

    रासायनिक की अपेक्षा प्राकृतिक गेहूं के दाम में 35.75 रुपये प्रति किलो का अंतर

    सामान्य तौर पर उगाई गई गेहूं का भारत सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 24.25 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया हुआ है। जबकि हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 60 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया है। ऐसे में प्रति किलो 35.75 रुपये का अंतर है।पांगी क्षेत्र के किसानों से सितंबर के अंतिम सप्ताह से प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई 40 टन जौ 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद की जाएगी।

     3.06 लाख किसानों ने हासिल किया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

    प्रदेश में अब तक 3.06 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण हासिल किया है। प्राकृतिक खेती के तहत 3,584 ग्राम पंचायतों की 38,437 हेक्टेयर भूमि को लाया गया है। प्रदेश में 2.22 लाख से अधिक किसान विभिन्न फसलें प्राकृतिक तौर पर उगा रहे हैं।

    वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान इस कृषि पद्धति के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों को लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब तक प्रदेश के 88 विकास खंडों के 59,068 किसानों और बागवानों ने पंजीकरण फार्म भरा है।

    प्राकृतिक तोर पर किसानों से खरीदी गई गेहूं का हिमभोग प्राकृतिक गेहूं का आटा 100 रुपये और दलिया का 115 रुपये किलो दाम निर्धारित किया गया है।- सी पाल रासु, सचिव कृषि विभाग