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    Himachal News: क्या होगा इस्तीफा मंजूर? निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र से जुड़े मामले पर हाई कोर्ट आज करेगा फैसला

    Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने के मामले में तीनों निर्दलीय विधायकों का फैसला हाई कोर्ट आज करेगा। अदालत ने 30 अप्रैल को हाई कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहं सीपीएस नियुक्ति मामले को लेकर भी आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। तीन निर्दलीय विधायकों ने उनके त्यागपत्र स्वीकार न करने के विरुद्ध याचिका दायर की है।

    By rohit nagpal Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 08 May 2024 08:31 AM (IST)
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    Himachal News: क्या होगा इस्तीफा मंजूर? निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र से जुड़े मामले पर हाई कोर्ट आज करेगा फैसला

    विधि संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट बुधवार को निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र को स्वीकृति न देने से जुड़े मामले पर अपना फैसला सुनाएगा। 30 अप्रैल को हाई कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। तीन निर्दलीय विधायकों ने उनके त्यागपत्र स्वीकार न करने के विरुद्ध याचिका दायर की है।

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    मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने शिमला से कांग्रेस विधायक हरीश जनार्था की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति से जुड़े आवेदन को पहले ही खारिज कर दिया था।

    CPS की नियुक्तियों को लेकर भी होगी सुनवाई

    कोर्ट ने इस आवेदन को खारिज करने के विस्तृत कारण अलग से मुख्य याचिका के फैसले के साथ देने की बात कही है। वहीं, हाई कोर्ट में मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी बुधवार को सुनवाई होनी है। पहले न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष 22 अप्रैल को मामले पर सुनवाई हुई थी।

    याचिका में प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं, इसलिए इनकी ओर से किया गया कार्य भी अवैध है। इनकी ओर से गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए।

    कोर्ट ने सीपीएस पर लगाई ये पाबंदियां

    कोर्ट ने अगली तिथि निर्धारित करते हुए स्पष्ट किया था कि इस मामले पर सुनवाई नियमित होगी। कोर्ट ने सभी सीपीएस को मंत्रियों वाली सुविधाएं लेने और मंत्रियों वाले कार्य करने पर रोक लगा रखी है। कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि सभी सीपीएस कानून के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं।

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