Harsh Mahajan: हिमाचल HC में राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टली, पर्ची सिस्टम से जुड़ा है मामला
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भाजपा सांसद हर्ष महाजन के राज्यसभा चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई जारी है। हाईकोर्ट ने हर्ष महाजन के मामले की सुनवाई स्थगित करने के आवेदन को खारिज कर दिया था। अब इस मामले में हर्ष महाजन द्वारा चुनाव याचिका को गुणवताहीन ठहराते हुए खारिज करने की मांग की गई है।

जागरण संवाददाता, शिमला। भाजपा से राज्य सभा सांसद हर्ष महाजन (Harsh Mahajan) के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। हाईकोर्ट ने हर्ष महाजन द्वारा मामले की सुनवाई 3 सितंबर तक स्थगित करने से जुड़े आवेदन को खारिज कर दिया था।
इसके बाद बुधवार को इस मामले में हर्ष महाजन द्वारा चुनाव याचिका को गुणवताहीन ठहराते हुए खारिज करने की मांग वाले आवेदन पर बहस शुरू हुई थी।
गुरुवार को पूरी नहीं हुई सुनवाई
गुरुवार को भी सुनवाई पूरी न होने के कारण शुक्रवार को फिर इस मामले पर आगामी सुनवाई होगी। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। हर्ष महाजन के अनुसार याचिकाकर्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्यसभा चुनाव के लिए समय-समय पर जारी हिदायतों को अपनाने की हामी भरी।
प्रक्रिया को गलत नहीं बता सकता प्रार्थी: कोर्ट
अब चुनाव हारने के बाद प्रार्थी प्रक्रिया को गलत ठहराने के लिए याचिका दायर नहीं कर सकता। जब भी कोई किसी प्रक्रिया को अपनाने की सहमति देता है तो वह वह उस प्रक्रिया को गलत ठहराने के लिए अदालत में याचिका दायर नहीं कर सकता। यदि सहमति प्राप्त प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया हो तो ही पीड़ितवादी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का हक रखता है।
पर्ची सिस्टम के परिणामों को हाईकोर्ट में मिली चुनौती
चुनाव में वोटिंग की बराबरी के बाद पर्ची सिस्टम से निकाले गए परिणामों को प्रार्थी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। प्रार्थी सिंघवी के अनुसार इस चुनाव के दौरान कानूनी प्रक्रिया की अनुपालना नहीं की गई और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को विजयी घोषित कर दिया। राज्यसभा वोटिंग में दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट प्राप्त हुए थे।
इसके बाद पर्ची से नाम निकाले गए लेकिन इस पर्ची सिस्टम में जिस तरह से भाजपा प्रत्याशी को विजेता घोषित किया गया वह गलत है। पर्ची निकलने के हिसाब से जिस उम्मीदवार की जीत होनी चाहिए थी, उससे उल्टा दूसरे उम्मीदवार को जितवाया गया। जो कानूनी रूप से गलत है। इन आरोपों को आधार बनाते हुए प्रार्थी ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
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