हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों का दैनिक भत्ता बढ़ा, राज्य मुख्यालय से बाहर रहने पर होगा भुगतान; हाल ही में बढ़ी थी सैलरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के दैनिक भत्ते को 1800 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है। यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायकों और मंत्रियों को समान भत्ता मिलेगा। बजट सत्र में विधायकों के मानदेय और भत्तों में वृद्धि संबंधी बिल को स्वीकृति दी गई थी। मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की गई है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के दैनिक भत्ते को 1800 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई। यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होगी, जिसके तहत प्रदेश के मंत्री राज्य मुख्यालय से बाहररहने पर 2500 रुपये दैनिक भत्ते के हकदार होंगे।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायकों व मंत्रियों को मिलेग समान भत्ता
तपोवन में आयोजित होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायकों और मंत्रियों को समान भत्ता प्राप्त होगा। विधायकों के दैनिक भत्ते में वृद्धि कुछ समय पहले की गई थी, जब उन्हें 1800 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया गया था।
बजट सत्र में बढ़ाए थे मानदेय और भत्ते
इस वर्ष विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन विधायकों के मानदेय और भत्तों में वृद्धि संबंधी बिल को स्वीकृति दी गई थी। कई महीनों तक सचिवालय में फाइलें घूमती रहीं, और एक माह पहले राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद सरकार ने मंत्रियों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की। इसके साथ ही पूर्व विधायकों की पेंशन को 1.25 लाख रुपये मासिक कर दिया गया था।
मंत्रियों के अन्य भत्तों में तो वृद्धि हो गई थी, लेकिन दैनिक भत्ते में वृद्धि सामान्य प्रशासन की अधिसूचना से लागू हुई है। इससे पहले मंत्रियों के दैनिक भत्ते में वृद्धि 31 अक्टूबर, 2000 को हुई थी।
मंत्रियों को यात्रा भत्ता असीमित
प्रदेश सरकार के मंत्रियों को यात्रा भत्ता असीमित है, जबकि विधायकों को पहले 18 रुपये प्रति किमी यात्रा भत्ता मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 25 रुपये प्रति किमी किया गया है। इसके पीछे कारण ये है कि मंत्रियों के वाहन जनकल्याण के लिए लगातार दौड़ते रहते हैं।
मंत्री शिमला में है तो भत्ता नहीं
यदि कोई मंत्री शिमला में है तो उसे दैनिक भत्ता 2500 रुपये प्राप्त नहीं होगा। इसके पीछे तर्क ये है कि ठहरने की सुविधा के लिए आवास है।
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