हिमाचल को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने कमर कसी, BBMB से बकाया 4200 करोड़ लेने के प्रयास तेज
हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के आर्थिक संसाधनों को बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है। संसाधन सृजन कमेटी की बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और अन्य मंत्रियों ने विचार-विमर्श किया। घाटे में चल रहे निगम-बोर्डों के विलय और सरकारी विभागों में कर्मचारियों के युक्तिकरण पर चर्चा हुई। बीबीएमबी से हिमाचल को मिलने वाली 4200 करोड़ रुपये की धनराशि पर भी बातचीत हुई।

राज्य ब्यूरो, शिमला। आर्थिक संसाधन के भंवर में फंसे राज्य को पटरी पर लाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से संसाधन सृजन करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सचिवालय में आज उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आयोजित संसाधन सृजन कमेटी की बैठक आयोजित हुई।
इस बैठक में मुकेश अग्निहोत्री के अतिरिक्त कृषि मंत्री चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, अनिरुद्ध सिंह व राजेश धर्माणी ने संसाधन जुटाने के संबंध में विचार-विमर्श किया। ऐसा माना जा रहा है कि लंबे समय से घाटे में चल रहे निगम-बोर्डों को मर्ज किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त सरकारी विभागों में कर्मचारियों का युक्तिकरण किया जाएगा। बैठक में बीबीएमबी से हिमाचल को प्राप्त होने वाली धनराशि पर चर्चा की गई। प्रदेश सरकार के प्रयासों से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली हिमाचल प्रदेश को 4200 करोड़ रुपये की धनराशि देने को कमोवेश तैयार हैं। अब इस दिशा में प्रदेश सरकार की ओर से सार्थक पहल करने की आवश्यकता है।
4200 करोड़ रुपये लेने का प्रयास कर रही सरकार
सचिवालय में आयोजित बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि कई दशकों से बीबीएमबी में हिस्सेदारी लंबित पड़ी है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार बीबीएमबी में हिस्सेदारी के 4200 करोड़ रुपये लेने का प्रयास कर रही है।
पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत बीबीएमबी में हिमाचल की 7.19 फीसदी की हिस्सेदारी है। बीबीएमबी में हिस्सेदार चार राज्यों में से तीन हिमाचल का बकाया देने को राजी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य पथ परिवहन निगम में भी सुधार की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इस तरह के सुधार के तहत बसों के फ्लीट की संख्या को कम किया जाएगा। जो बस रुट लगातार घाटे में चलते हैं, ऐसे रुट बंद कर दिए जाएंगे।
9 हजार करोड़ से अधिक का चुकाना होगा एरियर
उनका कहना था कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की लंबित देनदारियों का भुगतान नहीं किया। लंबित भुगतान भी वर्तमान सरकार को करना पड़ रहा है। ऋण के ब्याज की किश्त का भी भाजपा सरकार ने सही समय पर भुगतान नहीं किया। 9 हजार करोड़ से अधिक का एरियर अभी चुकाया जाना है।
बैठक में युक्तिकरण करने के अतिरिक्त व्यवस्थित ऋण लेने के साथ-साथ कुल घाटे को कम करने पर चर्चा हुई है। प्रदेश सरकार की ओर से संसाधन जुटाने के मुद्दों पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आमदनी बढ़ाने का रोडमैप शीघ्र सामने आएगा।
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