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    प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का पंजीकरण होगा आसान, पंचायतों में लगेंगे शिविर; CM सुक्खू का निर्देश

    Updated: Sat, 17 May 2025 08:50 PM (IST)

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के निर्देश दिए हैं। सरकार किसानों को प् ...और पढ़ें

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    कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

    राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया सुलभ बनाने के निर्देश दिए। राज्य सचिवालय में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, जाइका और आत्मा परियोजनाओं के सभी अधिकारियों को किसानों तक पहुंच स्थापित कर उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करनी चाहिए।

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    किसानों की सहूलियत के लिए सीएम ने दिए निर्देश

    सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया सुलभ बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के पंजीकरण के लिए पंचायतों में शिविर आयोजित करने पर बल दिया।

    मुख्यमंत्री ने एपीएमसी के अध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए सक्रियता से कृषकों को प्रेरित कर उन्हें हर संभव सहायता करें। उन्होंने सभी एपीएमसी को प्राकृतिक पद्धति से उगाए गए गेहूं, मक्की और कच्ची हल्दी की खरीद के लिए हाई एंड साइलो स्थापित करने के निर्देश दिए।

    60 रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं खरीदेगी सरकार, प्रक्रिया शुरू

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक पद्धति से उगाई गई गेहूं की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य सरकार किसानों से गेहूं खरीद पर 60 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है। उन्होंने कृषि विभाग को प्राकृतिक खेती के लिए प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज प्रदान करने के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी फार्मो को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत कृषि विभाग ने जिला कांगड़ा में भट्टू फार्म, जिला सिरमौर में भगाणी फार्म और जिला सोलन में बेरटी-बोच फार्म स्थापित किए हैं। आगामी समय में प्रदेश में इस तरह के और भी आदर्श फार्म स्थापित किए जाएंगे।

    इसके लिए सरकार ने दिए इतने करोड़

    मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर के विभिन्न स्थानों के निर्माणाधीन सीए स्टोर की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सीए स्टोर किसानों एवं बागवानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं।

    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जिला शिमला के जुब्बल के अणु, चौपाल, संदासू खड़ापत्थर, दत्तनगर और ढली, जिला कांगड़ा के कंदरौडी और सुलह, जिला सोलन के जाबली, जिला किन्नौर के भावानगर और जिला मंडी के सुंदरनगर में चरणबद्ध तरीके से सीए स्टोर स्थापित कर रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 330 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।

    मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 12 जिलों में 1010 करोड़ रुपये से कार्यान्वित की जा रही जाइका परियोजना की भी समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस परियोजना के अधिकाधिक लाभ प्रदेश के किसानों को सुनिश्चित किए जाएं।

    इसके अतिरिक्त उन्होंने हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड की विभिन्न परियोजनाओं की भी समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रो. चंद्र कुमार, विधायक चंद्रशेखर, कृषि सचिव सी पालरासू, निदेशक कुमुद सिंह और एपीएमसी के अध्यक्ष उपस्थित थे।

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