अरे बाप रे! अक्टूबर में दिसंबर जैसी सर्दी, हिमाचल में बर्फबारी के बाद 19 डिग्री तक गिरा तापमान
शिमला में भारी हिमपात और वर्षा के कारण अक्टूबर में दिसंबर जैसी ठंड महसूस हो रही है। अधिकतम तापमान में 19 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। वर्षा से धान की फसल को नुकसान हुआ है और कई स्थानों पर फसल बिछ गई है। लाहौल घाटी में सेब के पेड़ों की टहनियां टूटने का खतरा है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में हिमपात व वर्षा के कारण अक्टूबर में दिसंबर जैसी सर्दी पड़ने लगी है। दो दिन से वर्षा व हिमपात के कारण अधिकतम तापमान में 19 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। वर्षा का प्रभाव धान की फसल पर अधिक पड़ा है। निचले क्षेत्रों में फसल तैयार है। कई लोगों ने कटाई कर भी दी थी।
उन्हें फसल खराब होने का डर है। कई जगह फसल तेज हवाओं के कारण खेत में बिछ गई है। लाहुल घाटी में हिमपात होने से सेब से लदे पेड़ों की टहनियां टूटने का खतरा है। तापमान में गिरावट से सब्जी की फसल भी प्रभावित होने की आशंका है। रोहतांग, बारालाचा व शिंकुला दर्रे में रविवार रात से आधा फीट से अधिक हिमपात हो चुका है।
हिमपात से मनाली-लेह और मनाली-शिंकुला मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। लेह व जांस्कर जाने वाले वाहन दारचा में और लेह से मनाली आ रहे वाहन उपसी व सरचू में फंसे हैं। मनाली से लेह जाने वाले डीजल और पेट्रोल के टैंकर रविवार से मढ़ी में फंसे हैं। लेह-लद्दाख आने जाने वाले वाहन चालकों व पर्यटकों की मदद के लिए अस्थायी चौकी को लाहुल स्पीति पुलिस ने जिस्पा में स्थापित किया है।
रोहतांग दर्रे में सोमवार को भी वाहनों की आवाजाही बंद रही। स्पीति घाटी में भारी हिमपात से मनाली-काजा मार्ग समेत सभी सड़कें अवरुद्ध हैं। प्रदेश में अधिकतम तापमान में 19 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की है। कुकुमेसरी में अधिकतम तापमान में 19.1, ताबो में 15.8, कांगड़ा व हमीरपुर में 11, केलंग में 10, भरमौर में 10.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, अक्टूबर में अक्सर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात होता है, जिस कारण ठंड होती है। प्रदेश में अक्टूबर में अभी तक 17.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से अधिक है। मंडी जिले के थलौट में भूस्खलन से पावर लाइन का टावर गिरने से कुल्लू जिले के कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।
चंबा जिले के पांगी उपमंडल के मुख्यालय किलाड़ में करीब चार इंच और चस्क भटोरी व हुडान भटोरी में सात से आठ इंच तक हिमपात हुआ है। सच्चे जोत मार्ग रविवार से बंद है। तेलका, सलूणी की पहाड़ियों पर भी हिमपात हुआ है। चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग परेल घार में भूस्खलन से बंद हो गया है। वाहनों की आवाजाही वाया भ्रदम व सरोल हो रही है। ऊना जिले के गगरेट उपमंडल के अंतर्गत कुठेड़ा जसवाला में सोमवार सुबह स्वां नदी को पार करते समय व्यक्ति बाइक समेत तेज बहाव में बहने लगा। क्रशर पर काम कर रहे युवाओं ने जान जोखिम में डालकर उसे बचा लिया।
मौसम का कहर
- मनाली-लेह व मनाली-शिंकुला मार्ग बंद, लेह जा रहे वाहन दारचा में रोके
- लेह-लद्दाख आने जाने वालों की मदद के लिए जिस्पा में खोली अस्थायी चौकी
- थलौट में पावर लाइन का टावर गिरा, कुल्लू के कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति प्रभावित
- चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग परेल घार में भूस्खलन से बंद, वाया भ्रदम व सरोल आवाजाही
- कुठेड़ा जसवाला में स्वां नदी को पार करते व्यक्ति बाइक समेत बहने लगा, युवाओं ने बचाया
- लाहुल-स्पीति में हिमपात से मनाली काजा समेत सभी सड़कें बाधित
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