हिमाचल आपदा 25 हजार से अधिक लोगों को राहत पैकेज, सुक्खू सरकार ने जारी किए 403 करोड़ रुपये
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले तीन वर्षों में आपदा से प्रभावित 70787 लाभार्थियों को 403.61 करोड़ रुपये की राहत दी है। विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत 25916 लाभार्थियों को 256.57 करोड़ रुपये जारी किए गए। उन्होंने विपक्ष पर आपदा के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि 3 सालों में 70787 प्रभावित लाभार्थियों को राहत के रूप में 403 करोड़, 61 लाख, 61 हजार 74 रुपए जारी किए गए हैं।
सरकार ने 25916 लाभार्थियों को 256 करोड़, 57 लाख 25 हजार 406 रुपए विशेष राहत पैकेज के तहत जारी किए हैं। विधायक अनुराधा राणा के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री ने सदन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिलासपुर में 1388, चंबा में 1081, हमीरपुर में 679, कांगड़ा में 3563, किन्नौर में 887, कुल्लू में 4346, लाहुल स्पीति में 589, मंडी में 7725, शिमला में 3098, सिरमौर में 1733, सोलन में 468 व ऊना में 359 लाभार्थियों को यह राशि जारी की गई है।
राजस्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राहत मदों और मापदंडों में संशोधन के अनुसार राहत प्रदान करती है। इन्हीं मापदंडों के अनुसार एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के तहत प्रदेश सरकार द्वारा राहत राशि प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि 2023 में आई आपदा से प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए एक विशेष अवधि के लिए विशेष राहत पैकेज अधिसूचित किया गया था। 2024 व इस वर्ष के आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए भी प्रदेश सरकार द्वारा विशेष राहत पैकेज जारी किया गया है।
राजस्व मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार को आपदा के तहत विभिन्न मदों में 3578.63 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इसमें केंद्र से 3247.64 करोड़ रुपये और राज्य सरकार द्वारा 330.99 करोड़ का योगदान किया गया।
3 सालों में कितनी सहायता कहां से मिली
- मद, केंद्रीय अंश, राज्य की हिस्सेदारी
- एसडीआरएफ, 1280.40 करोड़, 142 करोड़
- एसडीएमएफ, 319.95 करोड़, 35.50 करोड़
- एनडीआरएफ, 1637.84 करोड़, 152.44 करोड़
मुझ से सवाल न पूछने का ढूंढा बहाना: राजस्व मंत्री
राजस्व मंत्री ने कहा कि यह प्रश्न आपदा से जुड़ा था और नियम 67 के तहत भी आपदा पर ही चर्चा हो रही है। विपक्ष ने वाकआउट का तरीका ढूंढा ताकि उन्हें यहां न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि बीते रोज ही विपक्ष ने कहा था कि वह उनसे सवाल नहीं पूछेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस रवैये से लग रहा है कि वह आपदा को लेकर गंभीर नहीं है, केवल लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा पर राजस्व मंत्री जवाब नहीं देगा तो कौन देगा। उन्होंने कहा कि दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का बात तो पीएम मोदी ने भी की थी।
क्या इस हिसाब से रोजगार मिला है। नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के अन्य विधायकों को विशेष अधिमान नहीं मिलना चाहिए। सदन नेता प्रतिपक्ष के कहने से नहीं चलेगी। सदन की परंपराएं हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।