Himachal News: कंप्यूटर शिक्षकों का CM सुक्खू से आग्रह, शिक्षा विभाग में किया जाए मर्ज; परमानेंट करने की भी की अपील
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2001 से कंप्यूटर शिक्षा दे रहे 1321 कंप्यूटर शिक्षकों ने सरकार से शिक्षा विभाग में विलय करने और नियमित करने की मांग की है। राज्य कंप्यूटर शिक्षक संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराया जिस पर मुख्यमंत्री ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।

राज्य ब्यूरो, शिमला। पिछले 25 वर्षाें से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों की मांग है कि प्रदेश सरकार सभी कंप्यूटर शिक्षकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करे। कंप्यूटर शिक्षकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करने के साथ एकमुश्त नियमित किया जाए।
सचिवालय में राज्य कंप्यूटर शिक्षक संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने एसोसिएशन की अध्यक्ष सुमन ठाकुर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संगठन की विभिन्न मांगों से अवगत करवाते हुए कहा कि कंप्यूटर शिक्षक पिछले पच्चीस वर्षों यानि वर्ष 2001 से बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
1321 कंप्यूटर शिक्षक दे रहें सेवा
प्रदेश में कुल 1321 कंप्यूटर शिक्षक सेवारत हैं। कंप्यूटर शिक्षकों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पहली है, 10 वर्षों से सेवाएं दे रहे, जिन्हें 10 हजार मासिक वेतन मिलता है। 15 वर्ष से सेवाएं देने वाले कंप्यूटर शिक्षकों को 15 हजार और 20 वर्ष या इससे अधिक अवधि से सेवाएं देने वाले कंप्यूटर शिक्षकों को 18 हजार मासिक मानदेय प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कंप्यूटर शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की मांगों को सुनने के बाद सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
2017 में शिक्षा विभाग में साक्षात्कार हुए थे
वीरभद्र सरकार के अंतिम कार्यकाल के दौरान वर्ष 2017 में चुनावी वर्ष के दौरान शिक्षा विभाग में 600 शिक्षकों के साक्षात्कार हुए थे। जिन शिक्षकों के साक्षात्कार हुए थे, उनके नाम लिफाफे में बंद पड़े हैं। स्थिति ये है कि कंप्यूटर शिक्षकों की सामान्य आयु 50 वर्ष से अधिक हो चुकी है। ऐसे में कंप्यूटर शिक्षक किसी तरह की परीक्षा नहीं देना चाहते हैं।

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