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    अच्छी खबर! हिमाचल में करुणा नौकरी के लिए आय सीमा बढ़ी, विधवा महिलाओं और अनाथ बच्चों को मिलेगी प्राथमिकता

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करूणामूलक रोजगार नीति के तहत लंबित मामलों को एक साल में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। विधवाओं और अनाथ बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी और वार्षिक आय सीमा को 2.50 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाएगा। यह निर्णय करूणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

    By Yadvinder Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 06 May 2025 03:59 PM (IST)
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    एक वर्ष में पूरी होगी करूणामूलक आधार पर लंबित भर्ती प्रक्रिया (जागरण संवाददाता फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। करूणामूलक आधार पर लंबित रोजगार संबंधी मामलों की प्रक्रिया को एक वर्ष के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में विधवा तथा 45 वर्ष से कम आयुवर्ग के उन आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके माता-पिता नहीं है।

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    वर्तमान में प्रदेश में इस श्रेणी में 141 विधवाएं और 159 अनाथ बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री सुखविंंदर सिंह सुक्खू ने ये निर्देश मंगलवार को करूणामूलक रोजगार नीति पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इन भर्तियों की पात्रता के लिए वार्षिक आय सीमा को 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया जाएगा। करूणामूलक आधार पर लंबित मामलों को तीन चरणों में निपटाया जाएगा।

    करूणामूलक आधार पर दिया जाएगा रोजगार

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दूसरे चरण में कम वार्षिक आय वाले पात्र व्यक्तियों को करूणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान किया जाएगा तथा शेष पात्र आवेदकों को तीसरे चरण में नौकरी दी जाएगी।

    शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव एम. सुधा देवी और राकेश कंवर तथा सचिव विधि शरद कुमार लगवाल बैठक में उपस्थित थे। करूणामूलक आधार पर नौकरी के लिए बीते लंबे समय से मांग उठाई जा रही है।

    यही नहीं इस संबंध में जल्द से भर्तियों को पूरा करने की मांग की जा रही है जिससे निर्धारित आयु सीमा पूरी न हो।