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    हिमाचल में 2027 की तैयारी में JP Nadda, दो दिग्गज साथ मिले तो प्रदेश चुनाव में जीत की बढ़ जाएगी उम्मीद

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 01:04 PM (IST)

    Himachal Pradesh Chunav 2027 भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2027 के हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए कमर कस ली है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल से मुलाकात की साथ ही राजीव बिंदल भी मौजूद रहे। इस बैठक का उद्देश्य पार्टी को मजबूत करना और 2027 में कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकना है।

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    जिला कांगड़ा के पालमपुर में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार से चर्चा करते जेपी नड्डा व साथ हैं राजीव बिंदल।

    रोहित नागपाल, शिमला। Himachal Pradesh Chunav 2027, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की गृहराज्य विषयक सक्रियता चर्चा में है। अपने पिता नारायण लाल नड्डा की 100वीं जन्मतिथि पर धाम में खूब रौनक बनी। गांव और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक सरोकार निभाने के बाद शुक्रवार को नड्डा, तीसरी बार प्रदेशाध्यक्ष बने डा. राजीव बिंदल के साथ पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार से उनके घर जाकर मिले।

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    प्रेम कुमार धूमल के मुख्यमंत्रित्व में कैबिनेट मंत्री रहे हैं जेपी नड्डा। इस बार की भेंट 2016 के बाद हुई है। तब बिंदल धूमल के बेहद नजदीक समझे जाते थे। नड्डा लगभग 15 वर्ष पहले हिमाचल की राजनीति से संगठन में चले गए थे जहां से केंद्र में आए। अब यह मेलमिलाप 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी समझा जा रहा है। बिंदल को साथ लेकर नया अध्याय लिखने का लक्ष्य यह भी हो सकता है कि प्रदेश भाजपा चुनाव और चुनाव के बाद कुछ बदली हुई दिखे। 

    चर्चा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नड्डा का कार्यकाल अब अंतिम दौर में हैं, इसलिए वह 'घर' को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। पिछले चुनाव में उनके अध्यक्ष होते हिमाचल में भाजपा की हार हुई थी। अगले चुनाव में बड़ी जीत मिले, इसके लिए उन्होंने अभी से कमर कस ली है। अब वह केंद्र में मंत्री हैं, चुनाव में कितना समय मिलता है यह अभी तय नहीं, लेकिन समय का सदुपयोग करते हुए चुनावी तैयारी में उनके उतरने से साफ है कि भाजपा, हिमाचल प्रदेश के लिए कुछ नया सोच रही है। हिमाचल दौरे में शुक्रवार को इन दो मुलाकातों से साफ संकेत हैं कि भाजपा 2027 के लिए ज्यादा गंभीर है। जब बिंदल प्रदेश अध्यक्ष बने तो उन्होंने कहा था कि 2027 में कांग्रेस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है। 

    शांता व धूमल जब साथ हुए तो भाजपा को मिली है जीत

    2012 की बात हो या फिर 2022 की, जब भाजपा के इन दोनों दिग्गजों का पूरा साथ भाजपा को नहीं मिला तो पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा है। जब दोनों का साथ रहा तो जीत मिली है। प्रदेश के राजनीतिक जानकारों की मानें तो नड्डा व बिंदल की जोड़ी ने दोनों धुरियों को साथ लाकर 2027 में फिर से सत्ता में आने के लिए काम करना आरंभ कर दिया है।

    2022 में 0.9 प्रतिशत के अंतर से हारी थी भाजपा

    2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 43.9, भाजपा को 43, आप को 1.10, निर्दलीय को 10.39, अन्य को 1.2 और नोटा को .59 प्रतिशत वोट मिले थे। भाजपा की हार का अंतर केवल 0.9 प्रतिशत रहा था। तीन विधानसभा सीट ऐसी थीं जिन पर भाजपा 400 से भी कम अंतर से हारी थी, इनमें भोरंज में 60, सुजानपुर में 399 और शिलाई में 382 वोट शामिल हैं।