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    होली की छुट्टी के बाद अब शनिवार को भी विधानसभा में रहेगा अवकाश, अब कब बजट पेश करेंगे CM सुक्खू?

    Updated: Fri, 14 Mar 2025 10:00 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने घोषणा की है कि बजट सत्र पहले से निर्धारित शेड्यूल के तहत शनिवार को भी आयोजित होना था लेकिन शुक्रवार को होली की छुट्टी होने के कारण सदस्यों के अनुरोध पर शनिवार को विधानसभा सत्र नहीं होगा। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को सुबह 11 बजे अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करेंगे।

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    हिमाचल में सीएम सुक्खू अब सोमवार को करेंगे बजट प्रजेंट (जागरण फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूराे, शिमला। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने अवगत करवाया है कि बजट सत्र पहले से निर्धारित शेड्यूल के तहत शनिवार को भी आयोजित होना था। लेकिन शुक्रवार को होली की छुट्टी होने के कारण दोनों पक्ष के सदस्यों की ओर से शनिवार को विधानसभा सत्र टालने का अनुरोध किया।

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    इसे देखते हुए शनिवार को बजट सत्र के तहत बैठक नहीं होगी। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि वीरवार शाम को सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित की जाएगी।

    इस संबंध में निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की अध्यक्षता में आयोजित कार्य सलाहकार समिति की बैठक में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सरकार के उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, सदस्य सुखराम चौधरी तथा विनोद कुमार मौजूद थे।

    सीएम सुक्खू सुबह 11 बजे करेंगे बजट पेश

    उन्होंने कहा कि सोमवार को दोपहर दो बजे बजट पेश किया जाना था, लेकिन अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सुबह 11 बजे अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करेंगे।

    उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय प्रशासन ने विधायकों की ओर से समय में बदलाव के आग्रह को देखते हुए इस तरह की व्यवस्था की है। उनका कहना था कि व्यवस्था ये है कि प्रत्येक सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे ही सुनिश्चित होती है।

    दूसरे बजट में भी उद्यमियों को बिजली की दरों में राहत की दरकार 

    हिमाचल प्रदेश सरकार का तीसरा बजट घोषित होने जा रहा है, लेकिन उद्यमियों की मांगें अब भी उसी मुकाम पर हैं। सरकार के पिछले दोनों बजट में उद्यमियों के हाथ फिलहाल खाली ही दिखाई दिए। सरकार के सत्ता में आने के बाद से लगातार उद्यमियों पर आपदा आती रही है।

    बरसातों में आई आपदा के बाद उद्यमियों की भी कमर टूट गई थी और ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के दाम बढ़ा दिए गए थे, जिससे उद्यमियों को दोहरी मार का सामना करना पड़ा था। उद्यमियों को सरकार के बजट में आश्वासन मिला था कि उन्हें बिजली की दरों में राहत दी जाएगी, लेकिन साल के अंत तक केवल बिजली के दामों में बढौतरी ही दर्ज की गई और अब हिमाचल की बिजली अन्य राज्यों की तुलना में अधिक महंगी हो गई है, जिसे लेकर उद्यमियों कई बार सरकार के साथ बैठक कर चुके हैं।

    राज्य सरकार के बजट से उद्यमियों को बिजली के अलावा कई और उम्मीदें हैं, जो अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं। प्रदेश में लागू एडिशनल गुडस टैक्स, महंगी ट्रास्पोर्टेशन, लीज की समयअवधि पहले के मुताबिक की जाए, सीजीसीआर सहित अन्य में राहत दी जाए। 

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