हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर मूल वेतन देने का प्रस्ताव, हो सकता है 20 प्रतिशत तक नुकसान
Himachal Bijli Board Karmchari हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के मूल वेतन में केंद्र सरकार की तर्ज पर बदलाव की तैयारी है। कैबिनेट सब कमेटी ने प्रस्ताव तैयार किया है जिससे 20 हजार कर्मचारियों को 15-20% तक का नुकसान हो सकता है क्योंकि राज्य में भत्ते कम हैं। कर्मचारी यूनियन ने सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Bijli Board Karmchari, हिमाचल प्रदेश के बिजली कर्मचारियों को केंद्र की तर्ज पर मूल वेतन देने की तैयारी है, लेकिन भत्ते राज्य सरकार की तर्ज पर ही मिलते रहेंगे। प्रदेश में बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी गठित की है। कमेटी ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। इसे अब सरकार को सौंपा जाना है, जिस पर सरकार ने निर्णय लेना है। यदि इसे प्रदेश में लागू किया जाता है तो राज्य बिजली बोर्ड के लगभग 20 हजार कर्मचारियों को वेतन में 15 से 20 प्रतिशत का नुकसान हो सकता है।
राज्य के कर्मचारियों को होगा नुकसान
अभी तक हिमाचल के बिजली कर्मचारियों को जो मूल वेतन मिलता है, वह केंद्र के कर्मचारियों के मूल वेतन से ज्यादा है। हिमाचल में भत्ते केंद्र के कर्मचारियों के मुकाबले कम मिलते हैं। केंद्र में मूल वेतन कम और भत्ते ज्यादा होने के चलते उनका वेतन राज्य के कर्मचारियों से ज्यादा ही रहता है, इसलिए इन्हें कम मूल वेतन चुभता नहीं है। इसकी भत्तों से भरपाई हो जाती है। अगर यह निर्णय लागू होता है तो राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को वित्तीय तौर पर नुकसान होगा।
सरकार लेगी लागू करने पर निर्णय
हालांकि कैबिनेट सब कमेटी ने जिस आधार पर प्रस्ताव तैयार किया है, इससे राज्य बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने माना कि फिलहाल इसका प्रस्ताव तैयार किया है। इसे सरकार को सौंपा जाना है। इसे लागू करने या न करने पर निर्णय सरकार के स्तर पर होगा।
लागू करने से पहले दोबारा विचार करे सरकार : हीरा लाल
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव और संयुक्त मोर्चे के सह समन्वयक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि सरकार को इसे लागू करने से पहले दोबारा विचार करना चाहिए। कर्मचारियों को फिलहाल सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की उम्मीद है। इसे बहाल करने के बजाय सरकार उनके वेतन में कमी करने की तैयारी कर रही है। इससे कर्मचारियों को मनोबल पर विपरीत असर पड़ेगा।
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