'सुक्खू राज में न सुख और ना ही सरकार', विपक्ष का हमला; आपदा प्रबंधन पर विधानसभा में हंगामा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आपदा प्रबंधन पर चर्चा हुई। भाजपा विधायक ने सरकार पर आपदा प्रबंधन में लापरवाही का आरोप लगाया वहीं कांग्रेस विधायक ने विकास योजनाओं में नियमों का पालन करने की बात कही। विपक्ष ने सरकार पर आपदा को लेकर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया जबकि सत्ता पक्ष ने केंद्र सरकार से मिली सहायता का उल्लेख किया। आपदा राहत राशि के वितरण पर भी सवाल उठाए गए।

राज्य ब्यूरो, शिमला। भाजपा विधायक जनक राज ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सुख की सरकार में न सुख है न ही सरकार। आपदा प्रबंधन की बैठकें चाय, पकोड़े और फोटो खींचने के लिए ही रह गई हैं। वर्ष 2023 में आई प्राकृतिक आपदा से भी सरकार सबक नहीं निया।
कांग्रेस विधायक संजय रतन ने वहाड़ के लिए पहाडां के लिए निर्धारित मापदंडां के तहत विकास का प्लान बनना चाहिए। जो नियम बने पूरी तरह से लागू हों। हम खुद ही नियम तोड़ रहे है। उन्होंने विपक्ष से कहा कि आपकी अध्यक्षता में केंद्र सरकार के पास चलते है। वालेवो में सभी 68 विधायक आपकी अध्यक्षता में चलते हैं।
अर्की से कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी ने कहा पूर्व जयराम सरकार में बगस्याड में नालों में चल रहे 22 घराट और उसके आस पास की जमीन को अधिगृहीत कर सरकारी कार्यालय बने जो नाले आने पर बह गए। इस निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा कि आपदा किसी पार्टी की वजह से नहीं आती है। विपक्ष के नेता गलत ख रहे हैं कि मुख्यमंत्री आपदा को लेकर संवेदनशील नहीं। जबकि उनके क्षेत्र में आपदा आने पर सबसे पहले मुख्यमंत्री क्षेत्र में पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय हिमुडा के तहत ऐसे क्षेत्र का चयन किया जो सुरक्षित नहीं था आज तक एक नहीं फ्लैट बना।
श्री नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि सरकार आपदा को लेकर गंभीर नहीं। राजस्व मंत्री के बयान सिराज में हुए नुकसान को लेकर दिए वह स्पष्ट करता है। आपदा विपक्षी विधायकों के क्षेत्र में आए इसलिए गंभीर नहीं थी। लोक निर्माण मंत्री आपदा में विदेश चले गए। लोगों को विश्वास नहीं है तभी विपक्ष के नेता के माध्यम से प्रभावितों को राहत मिली।
एक एक पैसा सही प्रभावितों तक पहुंचाया। जिनसे नहीं बनती उनके विभागों को कम पैसा। गुटबाजी के कारण प्रभावितों को राशि नहीं मिलेगी। जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी 2003 से लेकर 2013 तक आपदा राहत राशि के तहत 2653 करोड़ जबकि 2014 से 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा के तहत हिमाचल के लिए 7625 करोड़ दिए हैं।
आपदा के लिए 10 प्रतिशत प्रदेश ने देना है लेकिन एक पैसा नहीं दिया। जबकि 2023 2024 में केंद्र ने 787 करोड़ दिए। 2024 में आपदा प्रभावितों को 4500 करोड़ की एवज में 25916 प्रभावितों को केवल 256 करोड़ ही दिए। उन्होंने हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए मैदानी क्षेत्र के स्थान पर पहाड़ी क्षेत्र का मॉडल लागू हो।
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