हिमाचल में 55 हजार टन सेब की खरीद से टूटा रिकॉर्ड, बागवानों को मिली बड़ी राहत
शिमला से मिली खबर के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 55 हजार टन सेब की खरीद हुई जो पिछले साल से दोगुनी है। सरकार ने पहली बार यह जिम्मेदारी एचपीएमसी को दी जिसने 274 केंद्र स्थापित किए। खराब मौसम के बावजूद सरकार बागवानों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके हितों की रक्षा के लिए यूनिवर्सल कार्टन की शुरुआत की गई है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में सी ग्रेड सेब को मंडी मध्यस्थता योजना यानी एमआइएस के तहत रिकॉर्ड 55 हजार टन की खरीददारी की गई है। बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार दोगुना से ज्यादा सेब की खरीद की गई है।
बीते वर्ष एमआइएस के तहत करीब 27 हजार टन सेब की खरीद की गई थी। प्रदेश सरकार ने पहली बार एमआइएस के तहत सेब की खरीद का जिम्मा केवल हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम यानी एचपीएमसी को सौंपा।
इसे सुगम बनाने के लिए एचपीएमसी ने 274 संग्रहण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां सेब की खरीद सक्रिय रूप से चल रही है। हालांकि, कई क्षेत्रों में सड़कें खराब होने के कारण ट्रक अभी भी कुछ केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ।
पराला (शिमला), परवाणू (सोलन) और जरोल (मंडी) स्थित एचपीएमसी के फल प्रसंस्करण संयंत्र पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और प्रतिदिन लगभग 400 टन सेब का प्रसंस्करण हो रहा है।
प्रतिकूल मौसम के बावजूद, राज्य सरकार सेब उत्पादकों को सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि बागवानों को किसी भी नुकसान का सामना न करना पड़े।
राज्य सरकार सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा और उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमने लाभकारी मूल्यों की गारंटी देने और बागवानों के शोषण को समाप्त करने के लिए यूनिवर्सल कार्टन की शुरुआत की है।
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