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    हिमाचल में नशे के खिलाफ महाअभियान: हर पंचायत में बनेगी नशा निवारण समिति, प्रधानाचार्य संभालेंगे कमान

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है। हर पंचायत में नशा निवारण समितियाँ बनेंगी, जिनका नेतृत्व प्रधानाचार्य करेंगे। ये समितियाँ जागरूकता बढ़ाएंगी और पीड़ितों को पुनर्वास में मदद करेंगी। सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया है।

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    हिमाचल में पंचायत स्तर पर बनेंगी नशा निवारण समितियां। सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, शिमला। नशे के खात्मे के लिए सरकार ने अपने अभियान को और तेज कर दिया है। इस अभियान में अब पंचायतों व लोगों को भी जोड़ा जाएगा। सरकार ने निर्णय लिया है कि नशे के खात्मे के लिए अब हिमाचल में पंचायत स्तर पर नशा निवारण समितियां बनाई जाएंगी।

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    इन समितियों की कमान सरकारी स्कूल के मुख्य अध्यापक व प्रधानाचार्य के हाथ में होगी। गृह विभाग की ओर से यह आदेश जारी किया गया था।

    वीरवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इसको सख्ती से लागू करने व अभियान में पूर्ण सहयोग करने के आदेश जारी किए हैं। स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी अधिसूचना को सभी शैक्षणिक संस्थानों तक पहुंचाने के लिए उपनिदेशकों को निर्देश भेजे हैं।

    समिति में सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा सचिव, पंचायत सहायक, पटवारी, राजस्व अधिकारी, आशा वर्कर, महिला मंडल एवं युवा प्रतिनिधि, प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ नागरिक, स्वयंसेवक (बीडीओ द्वारा नामित) इसमें सदस्य होंगे। क्षेत्र के विशेष रूप से नामित पुलिस हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल कमेटी में सदस्य सचिव होगा।

    ये समितियां अपने क्षेत्र में नशे से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखेंगी और हर महीने बैठक आयोजित करेंगी। इसका मकसद पंचायत में चिट्टा सहित अन्य नशे पर निगरानी रहेगा।