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    हिमाचल: तैनाती के बाद भी 25 चिकित्सकों ने नहीं संभाला पदभार, 190 पद भरने का था प्रस्ताव, क्या वेतन और स्टेशन से नाखुश?

    By Yadvinder Sharma Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 10:50 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में तैनाती आदेश के बाद भी 25 चिकित्सकों द्वारा पदभार न संभालने से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है। सरकार ने 190 चिकित्सकों के पद भरने का प्रस्ताव रखा था। चिकित्सकों की अनुपस्थिति का कारण वेतन और स्टेशन से असंतुष्टि माना जा रहा है। इससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

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    हिमाचल प्रदेश में 25 चिकित्सकों ने तैनाती के बाद भी पद नहीं संभाला। प्रतीकात्मक फोटो

    यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत करीब 2 चिकित्सा अधिकारियों ने नियुक्ति पत्र मिलने के बावजूद पदभार नहीं संभाला है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी तादाद में चिकित्सकों ने नियुक्त पत्र के जारी होने के बाद भी पद नहीं संभाला और पद खाली रह गए।

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    कम वेतन व कठिन तैनाती से नाखुश चिकित्सा अधिकारियों द्वारा पदभार न संभाले जाने की बात सामने आई है। प्रदेश में प्रशिक्षु चिकित्सा अधिकारियों को 33600 रुपये मासिक वेतनमान के अलावा ग्रामीण, जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने के लिए इंसेंटिव यानी प्रोत्साहन राशि के तौर पर पांच हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

    वहीं, पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा व उत्तराखंड में चिकित्सा अधिकारियों को शुरुआती वेतन 60,000 रुपये मासिक से 80,000 रुपये मासिक प्रदान किया जा रहा है। 

    सरकार ने मांगी जानकारी

    सरकार ने पदभार न संभालने वाले प्रशिक्षु चिकित्सा अधिकारियों की स्वास्थ्य निदेशालय से जानकारी मांगी है। जिससे हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा तैयार की गई वेटिंग लिस्ट यानी इंतजार सूची से प्रशिक्षु चिकित्सकों की नियुक्ति हो सके।

    190 पद भरने का था प्रस्ताव

    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग को प्रशिक्षु चिकित्सा अधिकारियों के करीब 190 पदों को भरे जाने का प्रस्ताव भेजा था। जिसके लिए प्रदेश और अन्य राज्यों के चिकित्सकों ने आवेदन किया और परीक्षा भी दी। नियुक्ति पत्र देने के बावजूद करीब 28 ने पदभार नहीं संभाला। 

    क्या कारण बताए जा रहे पदभार न संभालने के 

    • कोई भत्ता या ग्रेड-पे नहीं न ही कोई पदोन्नति या सेवा लाभ।
    • अधिकतर नियुक्तियां चंबा, लाहुल-स्पीति, किन्नौर, सिरमौर जैसे कठिन दुर्गम इलाकों में की जा रही हैं जहां सुविधाएं नहीं हैं। 
    • प्रशिक्षु अवधि दो वर्ष की बताई है जिसके बाद ही नियमित नियुक्ति की संभावना है। 
    • पीएचसी-सीएचसी में स्टाफ की कमी के कारण चिकित्सकों को 24 घंटे की ड्यूटी निभानी पड़ रही। 

    कम से कम 60 हजार रुपये वेतन दिया जाए

    हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष डा. राजेश राणा ने कहा कि प्रशिक्षु चिकित्सकों को वेतन काफी कम है। जबकि अन्य राज्यों में अधिक वेतन दिया जा रहा है। इस संबंध में सरकार से भी मांग की गई है। चिकित्सा अधिकारी संघ ने कहा है कि जो चिकित्सक ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों में सेवा दे रहे हैं, उन्हें कम से कम 60,000 रुपये मासिक वेतन और क्षेत्र आधारित इंसेंटिव दिया जाना चाहिए।

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    राज्य में प्रशिक्षु चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति नई नीति के तहत की जा रही है। कठिन व दुर्गम क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रविधान किया गया है। जिन प्रशिक्षु चिकित्सकों ने पदभार नहीं संभाला है उनका डाटा मांगा गया है जिसके तहत वेटिंग लिस्ट से पदों को भरा जा सके। 
    -एम सुधा देवी, स्वास्थ्य सचिव, हिमाचल प्रदेश।

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