बंद स्कूलों के खाली बिल्डिंग्स भरेंगे सरकार का खजाना, पंचायतों व विभागों को सौंपे जाएंगे; क्यों लिया गया ये फैसला?
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1094 बंद स्कूलों को पंचायतों और अन्य विभागों को सौंपने का फैसला किया है। इस कदम से सरकारी कार्यालयों के किराए में बचत होगी और राजस्व में वृद्धि होगी। बंद स्कूलों के भवनों का उपयोग पंचायत कार्यालयों आंगनबाड़ी केंद्रों महिला मंडलों और अन्य विभागों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा कुछ भवनों को लाइब्रेरी खेल परिसर और जिम के रूप में विकसित किया जाएगा।

अनिल ठाकुर, शिमला। हिमाचल सरकार ने शून्य व कम विद्यार्थी संख्या वाले 1094 स्कूलों को बंद किया है। अब इन स्कूलों के खाली भवन पंचायतों व अन्य विभागों का आसरा बनने लगे हैं। इससे जो सरकारी कार्यालय निजी भवनों में चल रहे हैं, उनका किराया बचेगा और राजस्व की बचत होगी। शिक्षा विभाग के अनुसार जो 1094 स्कूल बंद किए गए, उनमें 47 के पास अपने भवन नहीं थे। इसके अतिरिक्त 742 स्कूल भवन अभी विभाग के पास हैं।
बंद भवनों में होंगी ये गतिविधियां
बंद किए गए 222 स्कूलों के भवन पंचायतों को दिए गए। यानी इसमें पंचायत कार्यालय या अन्य गतिविधियां चल रही हैं, जबकि 70 आंगनबाड़ी केंद्रों को दिए गए। पांच महिला मंडल और आठ अन्य विभागों को मिले।
अन्य खाली भवनों को भी विभागों को दिया जाएगा या इनका उपयोग लाइब्रेरी, खेल परिसर व जिम आदि के लिए किया जा सकेगा। इसके लिए सभी विभागों को पत्र भी लिखा गया है। स्कूलों की भूमि व भवनों का स्वामित्व शिक्षा विभाग का ही रहेगा।
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हिमाचल में 13,142 कार्यालय निजी भवनों में
हिमाचल में सरकारी विभागों व बोर्ड निगमों में मौजूदा समय में 13142 कार्यालय निजी भवनों में किराये पर चल रहे हैं। केवल 151 कार्यालयों को सरकारी भवनों में शिफ्ट किया गया है। इससे 1,31,39,453 रुपये राजस्व की बचत हुई है। जो स्कूल के भवन खाली हैं वह दूर दराज क्षेत्रों व ग्रामीण क्षेत्रों में है। ऐसे में सरकारी विभाग इन्हें नहीं ले रहे हैं।
प्रदेश में 1094 बंद व मर्ज किए स्कूल भवनों को पंचायतों व अन्य विभागों को दिया जा रहा है। लेकिन इन भवनों की भूमि व स्वामित्व शिक्षा विभाग का ही रहेगा। विभाग का प्रयास है कि इनका पुस्तकालय, खेल परिसर, जिम आदि के लिए भी प्रयोग हो ताकि इसका लाभ युवाओं को मिल सके।
-रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री।
सीएम सुक्खू ने इस स्कूल का किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नादौन विधानसभा क्षेत्र के अमलैहड़ में 125 कनाल भूमि पर 25 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल का शिलान्यास किया। उन्होंने अधिकारियों को इस स्कूल के प्राइमरी विंग को एक साल के भीतर तैयार करने के निर्देश दिए। स्कूल में आधुनिक खेल सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव करने जा रही है।
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