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    Himachal News: दो और युवक फर्जी प्रमाणपत्र देकर बने थे डाक सेवक, अब तक 11 को नौकरी से निकाल चुका है विभाग

    By Anil ThakurEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Sat, 12 Aug 2023 10:24 PM (IST)

    हिमाचल डाक विभाग में फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी लेने के दो और मामले सामने आए हैं। इन मामलों ने सरकारी सिस्टम पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। ताजा दो मामलों सहित फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी प्राप्त करने वाले 11 डाक सेवकों को शिमला मंडल नौकरी से निकाल चुका है। सभी मामलों में पुलिस जांच चल रही है।

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    दो और युवक फर्जी प्रमाणपत्र देकर बने थे डाक सेवक, अब तक 11 को नौकरी से निकाल चुका है विभाग

    शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल डाक विभाग में फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी प्राप्त करने के दो और मामले सामने आए हैं। डाक विभाग की ओर से अपने स्तर पर की गई जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है। आरोपित सोनू निवासी पोकर खेरी, तहसील व जिला जींद और विक्रम निवासी थुआ, तहसील अलेवा, जिला जींद (हरियाणा) के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज हुआ है।

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    दोनों आरोपितों ने दसवीं कक्षा के फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करवा अपने अंक इतने बढ़ा लिए की मेरिट के आधार पर इनका चयन डाक सेवक के पद पर हो गया। प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी के पद के लिए लिखित परीक्षा नहीं होती है। केवल मेरिट के आधार पर ही चयन होता है।

    डाक विभाग में तैनाती के दौरान आरोपितों ने अपने मूल प्रमाणपत्र जमा करवाए थे। इसके बाद विभाग ने इनका सत्यापन संबंधित बोर्ड से करवाया तो प्रमाणपत्र फर्जी होने का पता चला। इसकी पुष्टि होने के बाद डाक विभाग ने दोनों आरोपितों को नौकरी से निकाल दिया है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    डाक सेवक पद के लिए मांगे आनलाइन आवेदन

    पुलिस को दी शिकायत में डाक विभाग शिमला के वरिष्ठ सहायक विजय नेगी ने बताया कि शिमला मंडल ने पोस्ट डाक सेवक पद के लिए आनलाइन आवेदन मांगे थे। आरोपित सोनू व विक्रम का चयन इस पद के लिए हुआ था। इन्हें अस्थायी तौर पर नियुक्ति दी गई थी। इन दोनों ने अपनी दसवीं की पढ़ाई उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड प्रयागराज से की है। विभाग ने अपने स्तर पर इनके दस्तावेजों की जांच की। जांच में दोनों के प्रमाणपत्र जाली पाए गए।

    पांच अगस्त को तीन मामले किए थे दर्ज

    पांच अगस्त को भी शिमला पुलिस ने ऐसे ही तीन मामले दर्ज किए थे। इनमें दो आरोपित हरियाणा और एक उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। इन्होंने भी फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे डाक विभाग में नौकरी प्राप्त की थी। अब डाक विभाग सभी डाक सेवकों की नियुक्ति के बाद इनके दस्तावेजों की जांच कर रहा है।

    2022 में प्रदेशभर में करीब 700 पद डाक सेवकों के भरे गए थे। ताजा दो मामलों सहित फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी प्राप्त करने वाले 11 डाक सेवकों को शिमला मंडल नौकरी से निकाल चुका है। सभी मामलों में पुलिस जांच चल रही है। इसमें किसी गिरोह की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।