हिमाचल में आखिर क्या होने वाला है? अचानक हर्षवर्धन से मिलने पहुंचे CM सुक्खू; बंद कमरे में 30 मिनट तक चली मीटिंग
शिमला में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के साथ गुप्त बैठक की जिससे नियुक्ति की अटकलें बढ़ गईं। रोहित ठाकुर सुरेश कुमार जैसे नामों पर चर्चा है वहीं विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर भी बदलाव की संभावना है। संतुलन बनाए रखने की चुनौती बरकरार है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पद की नियुक्ति को लेकर चल रही सरगर्मियों के बीच में आज दोपहर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने कार्यालय से निकलकर सीधे उद्योग एवं संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान के कमरे में पहुंच गए। दोनों के बीच में आधा घंटा से अधिक समय तक बंद कमरे में मंत्रणा हुई।
इस दौरान कमरे के बाहर सुरक्षा का कड़ा पहरा था। दोनों की इस मुलाकात को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष पद की नियुक्ति के संदर्भ में जोड़कर देखा जा रहा है। मंत्रिमंडल बैठक के लिए भी सभी मंत्री हर्षवर्धन चौहान के कार्यालय के समीप से होते हुए नीचे शिखर सम्मेलन कक्ष की सीढिय़ां उतरते हैं।
लेकिन आज मुख्यमंत्री के कदम सीधे हर्षवर्धन चौहान के कमरे की ओर गए। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू कई बार मंत्रिमंडलीय बैठक के बाद चाय पीने के लिए उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के कमरे में जाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद चल रही राजनीतिक चर्चाओं में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के अतिरिक्त विधानसभा अध्यक्ष पद व रिक्त पड़े एक मंत्रीपद को भरने के लिए उपयुक्त नेताओं के साथ-साथ संतुलन स्थापित करना चुनौती है। दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ दो पहली बार के विधायक वैसे तो शिमला जिला से संबंध रखने वाले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का नाम सर्वाधिक चर्चा में है।
लेकिन रोहित ठाकुर के नाम के साथ-साथ हमीरपुर जिला से पहली बार विधायक बने सुरेश कुमार का नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ में आया है। विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार व कसौली विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विनोद सुल्तानपुरी का नाम भी लिया जा रहा है। यदि भोरंज से कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार का नाम छोड़ दिया जाए तो सभी संभावित नाम शिमला संसदीय सीट से संबंध रखते हैं।
रोहित ठाकुर व विनय कुमार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, दूसरी ओर अन्य दोनों नेता सुरेश कुमार व विनोद सुल्तानपुरी ने पहली बार विधानसभा में कदम रखा है। क्या कुलदीप सिंह पठानिया मंत्री बनेंगे वैसे तो स्वयं विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया पहले भी कई बार इस बात को नकार चुके हैं कि मंत्री पद के बजाए इस पद पर ही रहना चाहूंगा।
लेकिन दिल्ली दौरे के बाद सरकार व संगठन के स्तर पर चौंकाने वाले बदलाव संभावित माने जा रहे हैं। इसी दृष्टि से मुख्यमंत्री व संसदीय कार्यमंत्री के बीच हुई मंत्रणा को जोड़कर देखा जा सकता है।
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