हिमाचल पुलिस को मिले 66 खास वाहन, 35 इलेक्ट्रिक कारें भी शामिल, प्रदेश के 10 जिलों के थानों में होंगी तैनात
हिमाचल प्रदेश पुलिस को 66 नए वाहन मिले हैं, जिनमें 35 इलेक्ट्रिक कारें शामिल हैं। इन वाहनों को प्रदेश के 10 जिलों के पुलिस थानों में तैनात किया जाएगा। इलेक्ट्रिक कारों के उपयोग से प्रदूषण कम होगा और पुलिस विभाग की परिचालन लागत भी घटेगी। नए वाहनों में आधुनिक तकनीक और उपकरण शामिल हैं, जो पुलिस कर्मियों को बेहतर ढंग से कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेंगे।

हिमाचल प्रदेश पुलिस के वाहनों को हरी झंडी देते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। सौ. डीपीआर
जागरण टीम, शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस को 66 पेट्रोलिंग वाहन मिले हैं। अब पुलिस अपराधियों पर कड़ी नकेल कसेगी। पुलिस को 35 इलेक्ट्रिक कारें मिली हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को चौड़ा मैदान शिमला से 66 पैट्रोलिंग वाहनों को रवाना किया। 
ये सुरक्षा वाहन प्रदेश के 10 जिलों शिमला, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, कुल्लू, सिरमौर, सोलन और चंबा के विभिन्न पुलिस थानों में तैनात किए जा रहे हैं। 
35 इलेक्ट्रिक कारें शामिल
18.42 करोड़ की लागत से खरीदे गए इन वाहनों में 35 इलेक्ट्रिक, 14 इंटसेप्टर वाहन, 10 रैकर वाहन तथा 7 डब्ल्यूडी डीजल वाहन शामिल हैं।
सरकार का लक्ष्य दुर्घटनाएं कम करना
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का लक्ष्य न केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है, बल्कि प्रदेश की जनता के लिए सुरक्षित एवं आपदा प्रतिरोधी यातायात प्रणाली विकसित करना भी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार गिरावट दर्ज की गई है।
रैकर वाहन हादसे के बाद तुरंत हटाएंगे गाड़ियां
उन्होंने कहा कि यह सकारात्मक परिवर्तन पुलिस, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, हिमाचल प्रदेश सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम, स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य संबंधित एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि रैकर वाहनों की तैनाती से दुर्घटना के पश्चात वाहनों को शीघ्र हटाकर सड़कों पर यातायात शीघ्र सामान्य करने में मदद मिलेगी।
30 करोड़ से स्थापित होगा सड़क सुरक्षा नियंत्रण एवं कमांड सेंटर
सीएम सुक्खू ने कहा कि शीघ्र ही सरकार द्वारा हमीरपुर में लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से समेकित सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली के तहत एक अत्याधुनिक सड़क सुरक्षा नियंत्रण एवं कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा, जो प्रदेशभर में लगाए जा रहे आधुनिक कैमरों से जुड़ा होगा।
ई-चालान, यातायात की निगरानी होगी
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा इस प्रणाली का उपयोग ई-चालान, यातायात की निगरानी एवं सड़कों पर अनुशासन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र न केवल सड़क सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा बल्कि राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व सृजित करने में सहायक होगा।
60 करोड़ से खरीदे जा रहे सड़क सुरक्षा प्रवर्तन उपकरण
उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत पुलिस विभाग के लिए 3373 सड़क सुरक्षा प्रवर्तन उपकरणों की खरीद के लिए लगभग 60 करोड़ व्यय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों को राज्य के 10 जिलों में वितरित किया जाएगा, जिससे प्रदेश में सड़क सुरक्षा व्यवस्था और सुदृढ़ होगी।
पुलिस विभाग को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि हिमाचल प्रदेश की पुलिस को देश में नम्बर एक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में 1200 कांस्टेबलों की भर्ती की गई है तथा आठ साल बाद राज्य सरकार द्वारा पुलिस प्रमोशन के लिए बी-1 टैस्ट करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग चिट्टे के नशे की रोकथाम के लिए प्रदेश भर में सराहनीय कार्य कर रहा है। प्रदेश भर में चिट्टे के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है। 
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, उपाध्यक्ष राज्य योजना बोर्ड भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, नीरज नैयर तथा विवेक शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के.पंत, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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