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    हिमाचल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने सरकार के विरुद्ध खोला मोर्चा, इन 5 मांगों के समर्थन में कल उतरेंगे सड़क पर

    By Anil Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 16 Oct 2025 04:52 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में राज्य के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। पेंशनरों की प्रमुख मांगों में संशोधित कम्यूटेशन, डीए और चिकित्सा बिलों का भुगतान शामिल है। समिति ने सभी पेंशनरों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।

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    हिमाचल प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारी मांगों के समर्थन में कल सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करेंगे। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में मांगों को लेकर सेवानिवृत कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों में पेंशनर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे। 

    इस दौरान उपायुक्त, एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी प्रेषित किए जाएंगे। पेंशनर अपनी मांगों को लेकर कई बार सरकार से मिल चुके हैं, लेकिन मांगें अभी भी लंबित हैं।

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    बीते रोज एचआरटीसी सेवानिवृत कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था। अब अन्य विभागों, बोर्ड व निगमों से सेवानिवृत्त पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन का बिगुल फूंकने जा रहे हैं। 

    समिति का आह्वान, ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रदर्शन में शामिल हों

    समिति ने सभी पेंशनरों से आह्वान किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लें, ताकि सरकार पर मांगों को लेकर दबाव बनाया जा सकें। राजधानी शिमला के उपायुक्त कार्यालय के बाहर यह प्रदर्शन होगा। संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश ठाकुर, महासचिव इंद्र पाल शर्मा, अतिरिक्त महासचिव भूप राम वमर व मीडिया प्रमुख सैन राम नेगी ने कहा कि सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। अब पेंशनरों ने अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है। 

    ये हैं 5 प्रमुख मांगें

    1 जनवरी 2016 व 31 जनवरी 2021 के बीच सेवानिवृत्त पेंशनरों को संशोधित कम्यूटेशन, लीव इनकैशमेंट, ग्रेच्युटी दी जाए। पेंशनरों का 16 प्रतिशत डीए और चिकित्सा बिलों का भुगतान किया जाए जो पिछले दो सालों से लंबित पड़ा है। पेंशनर्स नेताओं ने हैरानी जताई कि मुख्यमंत्री ने 3 प्रतिशत डीए देने की घोषणा की जबकि 1 जुलाई 2023 को भारत सरकार ने चार प्रतिशत डीए जारी किया था। सरकार को चाहिए था कि वे 4 प्रतिशत डीए देने की घोषणा करते। पेंशनर्स नेताओं ने सभी पेंशनर्स से अपील की कि अपने अपने जिलों में अपनी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें तथा धरना प्रदर्शन को कामयाब बनायें। 

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    काजा में भी होगा प्रदर्शन

    हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन हर जिला मुख्यालय में होगा। काजा में महिला पेंशनर महिला विंग समिति ने बनाया है। ये महिलाएं काजा में प्रदर्शन करे व अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखेगी।