हिमाचल पेंशन कल्याण संघ ने CM सुक्खू के खिलाफ खोला मोर्चा, मांगें पूरी नहीं होने पर सचिवालय घेरने की दी चेतावनी
हिमाचल प्रदेश पेंशन कल्याण संघ ने राज्य सरकार पर पेंशनभोगियों के 17 हजार करोड़ रुपये बकाया होने पर मोर्चा खोला है।मांगें पूरी न होने पर सचिवालय घेराव ...और पढ़ें
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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू। फाइल फोटो
पीटीआई, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार पर राज्य के पेंशनभोगियों का लगभग 17 हजार करोड़ रुपये बकाया है। इसको लेकर हिमाचल प्रदेश पेंशन कल्याण संघ ने मोर्चा खोल दिया है। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पेंशनभोगियों की मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे राज्य सचिवालय का घेराव करेंगे।
बुधवार को पेंशनभोगी दिवस के अवसर पर पीटीआई वीडियो से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 18 विभागों की एक संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) का गठन किया गया है और मुख्यमंत्री को 14 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया है।
संघ ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री जल्द ही उन्हें बातचीत के लिए बुलाएंगे और चेतावनी दी कि यदि सरकार बातचीत के माध्यम से कोई समाधान नहीं निकालती है, तो पेंशनभोगी एक बार फिर सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
हाल ही में धर्मशाला में हुए विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि जहां शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य भर से बड़ी संख्या में पेंशनभोगी इकट्ठा हुए थे और तपोवन स्थित विधानसभा तक मार्च निकाला था, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था और विधानसभा सत्र के बाद उनसे मुलाकात का आश्वासन दिया था। उन्होंने चेतावनी दी कि अगला विरोध प्रदर्शन राज्य सचिवालय के घेराव के रूप में होगा।
पेंशनभोगी नेताओं के अनुसार हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में लगभग दो लाख पेंशनभोगी हैं और उनकी मांगों में 2016 से बकाया राशि, बकाया महंगाई भत्ता (डीए) और लंबित चिकित्सा बिलों का भुगतान शामिल है। शर्मा ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं पेंशनभोगियों के लिए मुख्य सहारा हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में भुगतान वर्षों से लंबित हैं, जिससे सेवानिवृत्त लोगों को भारी असुविधा हो रही है।

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