हिमाचल में 2003 के बाद नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, पेंशन में मिलेगा सीधा लाभ
हिमाचल सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में बदलाव किया है। 15 मई, 2003 के बाद नियमित हुए कर्मचारियों को अब पेंशन गणना में दैनिक सेवा का लाभ मिलेगा। 10 वर्ष से अधिक सेवा पर दो वर्ष का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन योजना का विकल्प देने की भी घोषणा की है, जिससे कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा।

हिमाचल प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पेंशन में लाभ मिलेगा। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जो 15 मई, 2003 के बाद नियमित हुए हैं, उन्हें पांच वर्ष की दैनिक सेवा के बदले एक वर्ष की नियमित सेवा का लाभ पेंशन गणना में दिया जाएगा।
इस निर्णय के अनुसार, 10 वर्ष या उससे अधिक दैनिक सेवा के बदले अधिकतम दो वर्ष की नियमित सेवा का लाभ पेंशन गणना के लिए प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्णय लिया। जारी बयान में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि चतुर्थ श्रेणी के वे कर्मचारी, जिनके पास सेवानिवृत्ति के समय 10 वर्ष से कम नियमित सेवा होने के कारण पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया था, उन्हें अब पांच वर्ष की दैनिक सेवा के बदले एक वर्ष की नियमित सेवा का लाभ दिया जाएगा।
दो वर्ष की अर्हक सेवा पर होगा विचार
यदि वे 10 वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करते हैं, तो उन्हें पेंशन का लाभ प्राप्त होगा। सीसीएस पेंशन नियम 1972 के तहत पेंशन देने के लिए 10 वर्ष की दैनिक सेवा के विरुद्ध अधिकतम दो वर्ष की अर्हक सेवा (पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के लिए योग्य मानी जाने वाली सेवा की अवधि) पर विचार किया जाएगा।
पुरानी पेंशन योजना चुनने का विकल्प देगी सरकार
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ऐसे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना चुनने का विकल्प देगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन योजना लागू की है, जिससे सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

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