हिमाचल की 3548 पंचायतों की मतदाता सूचियां तैयार, 29 पर काम जारी; सरकार ने आरक्षण रोस्टर में देरी का क्या दिया तर्क?
राज्य निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश की 3548 पंचायतों की मतदाता सूचियाँ तैयार कर ली हैं, जबकि 29 पर काम जारी है। पंचायती राज संस्थाओं का सीमांकन और आरक्षण निर्धारण उपायुक्तों द्वारा किया जा रहा है। सरकार ने बताया कि पंचायतों का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को समाप्त होगा। आरक्षण में देरी का कारण मानसून में आई आपदा के कारण उपायुक्तों का राहत कार्यों में व्यस्त होना बताया गया है।

हिमाचल प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर विधानसभा में सरकार ने जवाब दिया। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 3577 पंचायतों में से 3548 की मतदाता सूचियां तैयार कर दी गई हैं। 29 ग्राम पंचायत की सूचियों को तैयार करने का कार्य जारी है। पंचायती राज संस्थाओं के सीमांकन एवं आरक्षण निर्धारण का कार्य हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के तहत उपायुक्तों द्वारा किया जा रहा है।
जिला कांगड़ा के सुलह से विधायक विपिन सिंह परमार द्वारा पूछे प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य सरकार ने सदन में यह जानकारी दी। सरकार ने बताया कि हिमाचल में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों एवं जिला परिषदों का वर्तमान कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को समाप्त होगा।
लाहुल में 17 अक्टूबर को समाप्त होगा कार्यकाल
लाहुल स्पीति के विकास खंड केलंग की समस्त ग्राम पंचायतों, पंचायत समिति केलांग, जिला परिषद लाहुल-स्पीति और जिला चंबा के विकास खंड पांगी की ग्राम पंचायतों और पंचायत समिति का वर्तमान कार्यकाल 17 अक्टूबर 2026 और जिला कुल्लू के विकास खंड आनी की ग्राम पंचायत जाबन और नम्बोग और विकास खंड नगर की ग्राम पंचायत करजों और सोयल का कार्यकाल 8 फरवरी 2027 को समाप्त होगा। विधायक विपिन सिंह परमार के प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने सदन में यह जानकारी दी।
यह दिया तर्क
सरकार ने बताया कि पंचायती राज चुनाव के लिए आरक्षण का कार्य पंचायती राज अधिनियम, 1994 और अधिसूचित नियमों के प्रावधानों के अनुसार संबंधित जिला के उपायुक्तों द्वारा किया जाता है। प्रदेश में मानसून सीजन (जुलाई सितंबर) के दौरान राज्य में आई गंभीर आपदा के कारण, सभी उपायुक्त राहत के काम में लगे हुए थे और इसलिए पुर्नगठन / डिलिमिटेशन के कई प्रस्तावनाओं पर विचार नहीं किया जा सका।
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आरक्षण रोस्टर नहीं हुआ तय
25 अक्टूबर को कैबिनेट ने उपायुक्तों को इस बारे में मिले सभी प्रस्तावनाओं पर विचार करने के बाद राज्य सरकार को 15 नवंबर तक भेजने के निर्देश दिए गये थे। उपायुक्तों से 29 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और 13 प्रस्तावनाएं पहले की विचाराधीन थी, जिन पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है, जिस कारण आरक्षण निर्धारण का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है।

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