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    हिमाचल पंचायत चुनाव: क्या है आचार संहिता की धारा 2.1, जिसे निर्वाचन आयोग ने तत्काल किया लागू; कोड ऑफ कंडक्ट से कितनी भिन्न?

    By Yadvinder Sharma Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 07:09 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता की धारा 2.1 लागू हो गई है। यह धारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के आचरण को नियंत्रित करती है। इसके तहत सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग, प्रलोभन और भड़काऊ भाषण प्रतिबंधित हैं। उल्लंघन करने पर निर्वाचन आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है।

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    हिमाचल प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत और नगर पालिका आदर्श आचार संहिता, 2020 की धारा 2.1 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर सख्त निर्देश दिए हैं। प्रदेश में पंचायतों और शहरी निकायों को लेकर चल रही चुनावी प्रक्रिया के बीच यह बड़ा फैसला है।

    राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार पंचायतों और नगर निकायों की सीमाओं, क्षेत्रफल और वर्गीकरण को अब बदला नहीं जा सकेगा।

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    एक बार आयोग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी जाए, तो चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता, क्योंकि चुनावी प्रक्रिया पूर्व निर्धारित संवैधानिक समय सीमा के अनुसार शुरू है। इस दौरान विकास कार्यों पर कोई रोक नहीं रहेगी। पंचायतों में विकास कार्य सुचारू रूप से चलते रहेंगे।

    6 माह पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू करना जरूरी

    आयोग ने अपनी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत चुनाव प्रक्रिया 6 माह पूर्व शुरू करना जरूरी है। इसके तहत 1 अगस्त से चुनाव प्रक्रिया को शुरू किया गया।

    सीमांकन प्रक्रिया पूरी

    पंचायती राज संस्थाओं की 3577 ग्राम पंचायतों, 90 पंचायत समितियों, 11 जिला परिषदों और 71 शहरी निकायों की सीमांकन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और इसका अंतिम रूप से प्रकाशन हो चुका है। इसी के साथ आयोग ने बताया कि 3548 ग्राम पंचायतों और 70 शहरी निकायों की मतदाता सूचियां विधि अनुसार तैयार कर ली गई हैं। जबकि बाकी 29 ग्राम पंचायतों की एक दिसंबर और एक शहरी निकाय की मतदाता सूचियां 7 दिसंबर 2025 को अंतिम रूप से प्रकाशित होंगी। 

    शहरी निकायों के सीमांकन को दिया है अंतिम रूप

    आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि शहरी निकायों के सीमांकन को पहले ही 1 मई, 4 जुलाई और 28 जुलाई 2025 को अंतिम रूप दिया जा चुका है और अब किसी भी प्रकार का संशोधन संभव नहीं होगा। सभी विभागों, जिलाधिकारियों, पंचायत अधिकारियों और शहरी विकास विभाग को निर्देश दिया गया है। 

    कब-कब हो रहा पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों का कार्यकाल समाप्त

    • पंचायती राज संस्थाएं व शहरी निकाय             कार्यकाल की समाप्ति
    • पंचायती राज संस्थाएं                     31 जनवरी 2026
    • शहरी निकाय (50)                     18 जनवरी 2026
    • चार नगर निगम (धर्मशाला, पालमपुर, मंडी, सोलन)        13 अप्रैल 2026
    • नगर पंचायतें (अंब, चिरगांव, कंडाघाट, नेरवा, निरमंड)    16 अप्रैल 2026

    सर्वेच्च न्यायालय के क्या हैं आदेश

    सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश (एसएलपी न. 22468, 22469/2024) के अनुसार चुनाव प्रक्रिया को मौजूदा निकायों की अवधि समाप्त होने से कम से कम छह महीने पहले प्रारंभ करना अनिवार्य है।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल: पंचायत चुनाव में देरी पर हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस, सरकार ने बताई चुनावी प्रक्रिया शुरू करने की डेडलाइन 

    चुनाव की औपचारिकताएं को लेकर समय कम है। पंचायती राज संस्थाओं के गठन को लेकर लगभग 75 दिन, जबकि अधिकांश शहरी निकायों के गठन के लिए करीब 60 दिन का समय ही शेष है। ऐसे में चुनावी प्रक्रिया को समय पर संपन्न कराने के लिए सीमांकन और क्षेत्र निर्धारण पर रोक आवश्यक हो गई। इसलिए आदेश जारी किए गए हैं। 
    -अनिल खाची, आयुक्त, हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग।

    मुख्य बिंदु

    • 3577 ग्राम पंचायतों का सीमांकन पूरा
    • 3548 पंचायतों की मतदाता सूचियां तैयार
    • 29 पंचायतों व 1 शहरी निकाय की मतदाता सूचियां दिसंबर में आनी हैं।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल पंचायत चुनाव पर बड़ा अपडेट, राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों व निकायों की सीमाओं में बदलाव पर लगाई रोक 

    इंटरनेट मीडिया पर फैला दिया आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू

    इंटरनेट मीडिया पर राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना को लेकर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू बताकर वायरल कर दिया, जबकि उसकी धारा 2.1 को लागू किया गया है, जो सीमाओं में बदलाव से संबंधित है। यही नहीं यहां तक कहा गया कि अब विकास के कोई कार्य आदि नहीं हो सकेंगे।