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    Himachal News: पंचायत चुनाव में 5 प्रतिशत से कम की जनसंख्या के लिए नहीं होगा आरक्षण लागू

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 03:00 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में आरक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ग्राम पंचायतों से लेकर जिला परिषदों तक अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं। आरक्षण 2011 की जनगणना पर आधारित होगा और रोटेशन प्रणाली का पालन किया जाएगा ताकि सभी क्षेत्रों को अवसर मिले।

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    पंचायत चुनाव में 5 प्रतिशत से कम की जनसंख्या के लिए नहीं होगा आरक्षण लागू (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में विभिन्न पदों पर आरक्षण को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

    पंचायत राज विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, ग्राम पंचायतों से लेकर जिला परिषदों तक सदस्यों और पदाधिकारियों के स्थानों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षण का स्पष्ट प्रावधान किया गया है।

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    5 प्रतिशत से कम जनसंख्या होने पर उस वर्ग के लिए कोई पद आरक्षित नहीं होगा। रोटेशन प्रणाली से आरक्षण होगा, ताकि सभी क्षेत्रों को समान अवसर मिल सके। 2011 की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण पोस्ट लागू होगा।

    ग्राम पंचायतों में सदस्यों का आरक्षण

    ग्राम पंचायतों के सदस्यों के स्थान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे। आरक्षित स्थानों की गणना के बाद प्रत्येक पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं के लिए भी 50 प्रतिशत पद आरक्षित होंगे।

    पंचायत समिति और जिला परिषद

    पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों के सदस्यों और अध्यक्षों के पद भी आरक्षण के दायरे में आएंगे। इन पदों को जिला स्तर पर संबंधित जाति/वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए कुल आरक्षित पदों में से 50 प्रतिशत पद अनिवार्य रूप से आरक्षित रहेंगे।

    ग्राम पंचायत प्रधान पद का आरक्षण

    ग्राम पंचायतों के प्रधान पदों को विकास खंड की इकाई मानते हुए आरक्षित किया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के अनुपात के आधार पर प्रधान पदों का आरक्षण तय होगा। साथ ही कुल प्रधान पदों में से 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए सुरक्षित रहेंगे।

    पारदर्शिता और रोटेशन प्रणाली

    सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरक्षित पदों की पहचान रोटेशन प्रणाली के आधार पर होगी। पिछले चुनावों में जिन क्षेत्रों को आरक्षण दिया जा चुका है, उन्हें इस बार सामान्य श्रेणी में रखा जाएगा और नए क्षेत्रों को आरक्षित किया जाएगा।

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