Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल में पंचायत चुनाव पर टकराव, मुख्य सचिव भी पहुंचे निर्वाचन आयुक्त के पास, 40 मिनट की चर्चा में क्या निकला?

    By Yadvinder Sharma Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 06:14 PM (IST)

    शिमला में पंचायत चुनावों को लेकर सरकार और निर्वाचन आयोग के बीच विवाद जारी है। मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची से मुलाकात की और पुनर्सीमांकन के लिए धारा 12.1 हटाने का आग्रह किया। सचिव सी पालरासू ने भी पुनर्सीमांकन की अनुमति मांगी। आयुक्त ने सचिवों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई और आपदा के कारण पुनर्सीमांकन में देरी हुई।

    Hero Image

    राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची और मुख्य सचिव संजय गुप्ता जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। पंचायतों एवं शहरी निकायों के चुनाव को लेकर हिमाचल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग में चल रहे टकराव के बीच मुख्य सचिव संजय गुप्ता वीरवार सुबह 10.30 बजे आयोग के आयुक्त अनिल खाची के कार्यालय में पहुंचे। इस दौरान दोनों के बीच करीब 40 मिनट चर्चा हुई। 

    बताया जा रहा है कि पंचायतों और शहरी निकायों के पुनर्सीमांकन के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता की धारा 12.1 को हटाने की भी मांग की गई। इस संबंध में उन्होंने पत्र भी लिखा है। 
    राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने इस दौरान जिलों के उपायुक्तों के आयोग को लेकर भी बात हुई है। 

    संजय गुप्ता के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव सी पालरासु भी उनसे मिलने के लिए 12:05 बजे पहुंचे। इस दौरान करीब 25 मिनट तक अनिल खाची और सी पालरासू में पंचायत चुनाव को लेकर चर्चा हुई। सी पालरासू ने राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि धारा 12.1 नहीं लगा सकते ये उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। अनिल खाची से मुलाकात के दौरान पंचायतों के पुनर्सीमांकन की अनुमति देने की भी मांग रखी गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयुक्त ने 15 नवंबर को बुलाए थे अधिकारी, सचिव की जगह विशेष सचिव पहुंचे

    राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त अनिल खाची ने 15 नवंबर को पंचायतों और शहरी निकायों के आगामी चुलाव को लेकर अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें सचिव के स्थान पर विशेष सचिव पहुंच गए। जिस कारण आयुक्त नाराज भी थे कि सचिव स्तर के अधिकारी नहीं पहुंचे, जबकि उसी बैठक के आधार पर चुनावी रुपरेखा तय की जानी थी। जिसमें सड़कों के बंद होने से लेकर चुनावी तैयारियों आदि का पूरा अपडेट लिया जाना था। 

    पुनर्सीमाकंन को मांगा था अतिरिक्त समय

    प्रदेश में आई भीषण आपदा के तहत पुनर्सीमांकन प्रक्रिया पूरी न होने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग से अतिरिक्त समय समय मांगा गया था। जिसमें स्पष्ट तौर पर बताया गया था कि उपायुक्त आपदा में व्यस्त थे जिसके कारण पुनर्सीमांकलन पूरा नहीं हो सका। ऐसे में अब सरकार इसे पूरा करने का समय मांग रही है जिस करने के लिए मंत्रिमंडल में भी मंजूरी दी गई है।

    दो उपायुक्तों ने मांगा था मुख्य सचिव से मार्गदर्शन

    प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों ने राज्य निर्वाचन आयोग को कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। जिसमें स्पष्ट तौर कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के लागू होने के कारण मतदाता सूचियों को अधिसूचित नहीं किया है और न ही सामान उठाया है। उधर बिलासपुर और किन्नौर के जिला उपायुक्त ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर  मार्गदर्शन मांगा था कि क्या करें।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल पंचायत चुनाव: आयोग ने सरकार से पूछा, कब हटाएंगे डिजास्टर एक्ट; PWD की भी आई रिपोर्ट, आखिर कब शुरू होगी प्रक्रिया?

    आयोग अपने आदेश पर बरकरार, न्यायालय में दें चुनौती

    आदर्श चुनाव आचार संहिता को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग लगाई गई धारा 12.1 को लेकर अपने आदेश पर बरकरार है और कहा है कि यदि लगता है कि यह गलत लगाई है तो न्यायालय में चल रहे मामले में ही चुनौती दें।