Himachal News: ...तो अब HRTC की बसों में यात्रा करना पड़ेगा सस्ता? हिमाचल सरकार करने जा रही है बड़ा बदलाव
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) यात्रियों के लिए कैशबैक पॉलिसी ला रहा है जो गूगल पे और पेटीएम की तरह होगी। इसका उद्देश्य बसों में सवारियों की संख्या बढ़ाना है खासकर लंबी दूरी की बसों में। निगम ढाबा नीति में भी बदलाव कर रहा है जिसके तहत खराब सेवा पर जुर्माना लगेगा। एचआरटीसी की वित्तीय हालत खराब है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) यात्रियों के लिए अब कैश बैक पॉलिसी लेकर आ रहा है। गूगल पे, पेटीएम सहित अन्य तरह के ऐप की तर्ज पर यह कैशबैक दिया जाएगा। 14 जुलाई को होने वाली निदेशक मंडल (बीओडी) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा जाएगा। सभी सदस्यों की सहमति के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
निगम के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने इसको लेकर अधिकारियों के साथ बैठक भी की। ग्रीन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, सम्मान कार्ड जैसी योजनाओं के बाद अब कैश बैक की नई योजना निगम शुरू करने जा रहा है। निगम का कहना है कि इस तरह की योजना चलाकर बसों में सवारियों की संख्या बढ़ेगी। लंबी दूरी की बसों में इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
कैशबैक ऑनलाइन पेमेंट पर मिलेगा या अन्य विकल्प भी इसके लिए होगा इस पर बीओडी में ही फैसला होगा। बैठक की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री करेंगे। इसमें एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे।एचआरटीसी के पास 3180 बसें है। ये बसें 2684 रूटों पर रोजाना अपनी सेवाएं देती है।
ढाबा पॉलिसी को भी मिलेगी मंजूरी
एचआरटीसी ने अपने साथ पंजीकृत ढाबों के लिए नई नीति तैयार की है। निदेशक मंडल की बैठक में इसे भी मंजूरी के लिए रखा जाएगा। नई नीति के अनुसार ढाबा संचालकों को यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं देनी होंगी और इनको सुनिश्चित करना होगा।
आए दिन इन ढाबों को लेकर शिकायते आती रहती हैं जिस पर अब एचआरटीसी ने साफ कर दिया है कि पहली शिकायत आने पर ढाबा संचालक को पांच हजार का जुर्माना किया जाएगा। उसी ढाबे की यदि दूसरी शिकायत आती है तो उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा और तीसरी बार शिकायत मिलने पर 15 हजार का जुर्माना वसूल किया जाएगा।
इतना ही नहीं तीन बार शिकायत आने के बाद तीन साल के लिए उस ढाबे को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। बैठक में एचआरटीसी की डीजी बसों की खरीद को भी मंजूरी के लिए रखा जाएगा। हालांकि पहले भी ये मामला बैठक में गया था। बीओडी ने इसमें कुछ बदलाव करने को कहा था। जिसके बाद इसे दोबारा बैठक में रखा जाएगा।
एचआरटीसी की वित्तीय हालत खराब, इसलिए लानी पड़ रही पालिसी
राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े उपक्रम हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की वित्तीय हालत खराब हो गई है। निगम से सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वर्ष 2024 से लेकर अभी तक सेवानिवृत हुए करीब 250 कर्मचारियों व अधिकारियों को अभी तक पेंशन लगना तो दूर, ग्रेच्युटी व अर्जित अवकाश (लीव इनकैशमेंट) का पैसा भी नहीं मिला है।
2200 करोड़ पहुंच गया है घाटा
एचआरटीसी का संचित घाटा बढ़कर 2200 करोड़ हो गया है। लोन और ओवरड्राफ्ट भी हर साल बढ़ता जा रहा है। एचआरटीसी में अभी 10,853 कर्मचारी काम कर रहे हैं। 2023 में 31 मार्च तक एचआरटीसी का कुल घाटा 1966 करोड़ था। इसलिए निगम को नई पॉलिसी लानी पड़ रही है ताकी बसों में सवारियों की संख्या बढ़े व उनकी आमदनी में सुधार हो।
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