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    Himachal में भारी पड़ेगी ये लापरवाही? SDRF में सालों से नहीं हुई नियुक्तियां, आपदा और बाढ़ ने खोली पोल

    By Parkash BhardwajEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 29 Aug 2023 10:01 PM (IST)

    हिमाचल में एसडीआरएफ में सालों तक नियुक्तियां नहीं हुईं। इस बार आई त्रासदी ने सिस्टम की पोल खोलकर रख दी। अभी तक राज्य में एसडीआरएफ बल में डेढ़ सौ से कुछ अधिक जवानों की भर्ती हो पाई है। इसके अलावा बचाव एव राहत कार्यों के लिए पुलिस और गृह रक्षकों की सेवाएं लेनी पड़ी। बता दें कि राज्य में 6 जनवरी 2020 को एसडीआरएफ की तीन कंपनियां स्थापित हुई थी।

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    SDRF में सालों से नहीं हुई नियुक्तियां, आपदा और बाढ़ ने खोली पोल

    शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal SDRF Recruitment राज्य ने इस बार मानसून में अभूतपूर्व आपदा का सामना किया। सबसे पहले कुल्लू में ब्यास नदी में आई बाढ़ ने खूब तबाही मचाई। उसके बाद मंडी जिला और शिमला जिला में दर्जनों लोगों की मौत हुई। राहत व बचाव कार्यों के लिए तुरंत एसडीआरएफ की कंपनियां हर स्थान पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया गया। आवश्यकता के अनुसार बचाव अभियान के लिए जवान पहुंचे। समरहिल क्षेत्र की शिव बावड़ी में भूस्खलन में दबे लोगों के शवों को निकालने का मामला था या फिर कुल्लू बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का।

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    इसके अतिरिक्त पौंग डैम (Pong Dam) में फंसे लोगों को निकालने का अभियान था। लेकिन अब एसडीआरएफ में जवानों की नियुक्तियां नहीं हो रही है। जिसका परिणाम ये है कि राहत व बचाव कार्य जिस तेजी और तत्परता से होने चाहिए थे नहीं हो पाए। एकमात्र कारण ये था कि जुलाई के पहले सप्ताह से राहत कार्यों में लगे एसडीआरएफ (SDRF) के जवान डेढ़ माह तक लंबे चले राहत अभियान में थक चुके थे।

    अभी तक राज्य में एसडीआरएफ बल में डेढ़ सौ से कुछ अधिक जवानों की भर्ती हो पाई है। इसके अलावा बचाव एव राहत कार्यों के लिए पुलिस और गृह रक्षकों की सेवाएं लेनी पड़ी। सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी कमेटी की बैठक में आपसी तालमेल और लापरवाही के मामले सामने आए।

    2020 में तीन SDRF कंपनियां स्थापित हुई

    राज्य में 6 जनवरी 2020 को एसडीआरएफ की तीन कंपनियां स्थापित हुई थी। जिला कांगड़ा के सकोह में, जिला मंडी के पंडोह में व जिला शिमला जुंगा के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल अधिसूचित की गई। 359 जवानों की नियुक्ति होनी थी, जिसमें से 159 जवान नियुक्त हुए।

    कांगड़ा के सकोह को छोड़ दें तो मंडी व शिमला में भूमि का विषय एफसीए के पेंच से बाहर नहीं निकल पाया है। एसडीआरएफ की कंपनियों में नई नियुक्तियां नहीं हो रही है। प्रशिक्षण, प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं लेने के मामले में भी दूसरे विभागों के साथ संपर्क स्थापित नहीं किया गया।

    विशेष संयोजन की नियुक्ति नहीं हुई

    कई साल गुजर जाने के बाद भी प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विशेष संयोजक की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इसके अतिरिक्त गृह विभाग की ओर से उचित भर्ती, प्रतिनियुक्ति रुपरेखा तैयार नहीं की गई। उपयुक्त प्रशिक्षण और उपकरण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था होनी थी।

    दिसंबर 2022 में तालमेल पर बल दिया गया था

    पिछले साल दिसंबर 2022 में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था कि तालमेल स्थापित करने के लिए एसपी एसडीआरएफ निदेशक एवं विशेष सचिव के साथ बैठक करेंगे। उसके बाद एसपी एसडीआरएफ एनडीआरएफ से संपर्क में रहेंगे। गृह विभाग ने इस दिशा में क्या कदम उठाए कि प्रशिक्षण, नियुक्ति, प्रतिनियुक्ति और उपकरण खरीद संबंधी क्या कुछ किया, इसकी जानकारी साझा नहीं की।