हिमाचल स्कॉलरशिप स्कैम: हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल्स को झटका, ईडी ने की 18.27 करोड़ की संपत्ति कुर्क
हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस काला अंब जिला सिरमौर के संचालक की 18.27 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। ईडी की जांच में पता चला कि इन संस्थानों ने छात्रों के फर्जी विवरणों का सत्यापन करके धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की थी। चल और अचल संपत्तियों की कुल अनंतिम कुर्की 29 करोड़ रुपये के लगभग है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस, काला अंब, जिला सिरमौर के संचालक की 18.27 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया है।
इन संपत्तियों में मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत लगभग 125 बीघा की तीन ज़मीनें शामिल हैं। जो हिमाचल प्रदेश के नाहन, जिला सिरमौर में स्थित हैं और हरियाणा के पंचकूला में स्थित दो फ़्लैट प्रीति बंसल और ऋचा बंसल के नाम पर पंजीकृत हैं, जो मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट में ट्रस्टी हैं।
ईडी की जांच से पता चला कि इन संस्थानों ने छात्रों के फर्जी विवरणों का सत्यापन करके धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की थी। इ्रडी ने इससे पूर्व छापेमारी में आपत्तिजनक सामग्री, लगभग 80 लाख रुपये की नकदी जब्त की थी। विभिन्न बैंक खातों में पड़े 2.80 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।
इसके अलावा, 10.67 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों की कुर्की के लिए अनंतिम कुर्की आदेश भी जारी किए गए थे। इसके बाद, संपत्तियों की इस अनंतिम कुर्की, नकदी की जब्ती और बैंक खातों को फ्रीज करने की पुष्टि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी, पीएमएलए द्वारा की गई थी।
इस मामले में चल और अचल संपत्तियों की कुल अनंतिम कुर्की 29 करोड़ रुपये के लगभग है। इस मामले में 30 जनवरी 2025 को मनी लान्ड्रिंग के अपराध में दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में 30 अगस्त 2023 को चार लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था।
ईडी की जांच में ये हुआ खुलासा कैसे की धोखाधड़ी
छात्रवृत्ति घोटाले के लिए ऐसे छात्रों के नाम दिए जो इन संस्थानों में किसी पाठ्यक्रम में नामांकित नहीं थे। जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी किए बिना संस्थान छोड़ दिया। धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि की अधिक राशि प्राप्त करने के लिए, छात्रों के गलत विवरण अपलोड किए गए।
एचपी-ई पास पोर्टल (शिक्षा निदेशालय, शिमला का छात्रवृत्ति पोर्टल) पर) आगामी वर्षों में विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम बदला, आगामी वर्षों में विद्यार्थियों की जाति श्रेणी में परिवर्तन किया। छात्रों को डे स्कालर के बजाय हास्टलर के रूप में दिखाया। दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए फर्जी पाठ्यक्रम शुल्क संरचना का दावा किया।
अपराध में शामिल विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपराध से प्राप्त आय का उपयोग अपने नाम पर तथा अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर चल और अचल संपत्ति अर्जित करने में किया गया।
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