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    Himachal News: सेब की पैदावार कम होने से कारोबार पर पड़ा असर, बीते वर्ष के मुकाबले आधा पहुंचा बिजनेस

    सेब की पैदावार कम होने से कारोबार भी कम देखने को मिल रहा है। बीते वर्ष सेब का कारोबार अच्छा रहा था लेकिन इस वर्ष कमी आई है। सेब मंडी सोलन व टर्मिनल सेब मंडी में अभी तक पिछले वर्ष के मुकाबले आधा ही कारोबार हुआ है। सेब सीजन का अब यही महीना शेष है। ऐसे में इस बार बीते वर्ष के मुकाबले कम ही सेब पहुंचने की उम्मीद है।

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Tue, 05 Sep 2023 02:23 PM (IST)
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    सेब की पैदावार कम होने से कारोबार पर पड़ा अस

    सोलन, मनमोहन वशिष्ठ l प्रदेश में सेब की पैदावार कम होने से इस बार कारोबार भी कम देखने को मिल रहा है। हालांकि बीते वर्ष सेब का कारोबार (Apple Business in Himachal) अच्छा रहा था, लेकिन इस वर्ष कमी आई है। सेब मंडी सोलन (Solan Seb Mandi) व टर्मिनल सेब मंडी (Terminal Seb Mandi) परवाणू में अभी तक पिछले वर्ष के मुकाबले आधा ही कारोबार हुआ है। सेब सीजन का अब यही महीना शेष है।

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    ऐसे में इस बार बीते वर्ष के मुकाबले कम ही सेब पहुंचने की उम्मीद है। इस बार सेब की फसल पर मौसम की मार पड़ने से पैदावार कम हुई है। सोलन व परवाणू सेब मंडियों में शिमला व मंडी जिले के करसोग का सेब बिकने के लिए आता है।

    हर साल होता है अरबों का कारोबार 

    15 जुलाई से सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया था, लेकिन यह अभी तक आधा ही हुआ है। गौरतलब है कि सोलन व परवाणू की सेब मंडियों में हर साल अरबों का सेब कारोबार होता है। सोलन व परवाणू सेब मंडी में 15 जुलाई से सेब पहुंचना शुरू हो गया था। सोमवार तक दोनों मंडियों में कुल 12 लाख, 86,259 सेब बाक्स पहुंच चुके हैं, जिससे 167 करोड़ रुपये का सेब कारोबार हो चुका है। हालांकि यह आंकड़ा बीते वर्ष के कारोबार को नहीं छू पाया है, ऐसे में मुश्किल है कि पिछले वर्ष के बराबर इस साल भी सेब कारोबार हो।

    150 करोड़ से ज्यादा का हुआ था कारोबार 

    बीते वर्ष में सोलन व परवाणू सेब मंडियों में इस माह तक कुल 23 लाख, 85,775 सेब बाक्स बिकने के लिए पहुंचे थे। सोलन के एपीएमसी सचिव डा. रविंद्र शर्मा ने बताया कि सोलन व परवाणू सेब मंडियों में सोमवार तक 12 लाख, 86,259 सेब बाक्स बिकने के लिए पहुंचे हैं, जिससे 150 करोड़ से अधिक का कारोबार हो चुका है। बीते वर्ष इस माह तक 24 लाख के करीब सेब के बाक्स बिकने के लिए पहुंच गए थे। इस बार सेब की फसल कम होना भी सेब का कारोबार कम होने का कारण है।

    170 रुपये प्रति किलो बिका किन्नौरी सेब

    किन्नौर के सेब ने मंडी में दस्तक दे दी है। टापरी स्थित मंडी में शुरुआत में ही सेब 170 रुपये प्रतिकिलो बिका है जबकि बाहरी राज्यों की मंडियों में सेब इससे भी महंगे दाम पर बिक रहा है। टापरी मंडी में अभी तक 9994 सेब की पेटियां बिकने के लिए पहुंच चुकी हैं। इस साल किन्नौर में करीब 25 लाख पेटी सेब उत्पादन का अनुमान है। पहले 100 से 200 पेटियां मंडियों में पहुंच रही थी लेकिन पहली सितंबर से रोजाना 3274 पेटियां मंडियों में पहुंच रही है।

    कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) किन्नौर और शिमला जिला किन्नौर की टापरी मंडी में इस सीजन से किलो के हिसाब से सेब खरीद की व्यवस्था की है। किन्नौर के सेब की मांग देशभर की मंडियों में रहती है।

    इस तरह का होता है किन्नौरी सेब

    किन्नौर का सेब अधिक रसीला, गहरे लाल रंग का और आकार में बड़ा होता है। अगस्त के आखिर में किन्नौर के निचले इलाकों में सेब की फसल तैयार हो जाती है। किन्नौर के ऊंचाई वाले इलाकों से नवंबर तक सेब का सीजन जारी रहता है। किन्नौर में परंपरागत कूहलों से सेब के बगीचों में सिंचाई होती है। ग्लेशियर का पानी कूहलों के जरिये बगीचों तक पहुंचता है।

    किन्नौरी सेब प्राकृतिक रूप से अधिक ठोस होता है, जिसके चलते इसे अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। एपीएमसी शिमला किन्नौर के सचिव देवराज कश्यप ने कहा कि टापरी में सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं।